महोबा जेल में एक रेप के आरोपी ने कथित उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या की कोशिश की। आरोपी विजय ने दावा किया कि जेल में उसके साथ लगातार अन्य कैदियों द्वारा प्रताड़ना की जा रही थी, जबकि उसकी शिकायतों पर जेल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। आत्महत्या की कोशिश में उसने कांच के कई टुकड़े खा लिए, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
37 वर्षीय विजय, जो महोबा जिले के अतर्रा थाना क्षेत्र के गोखिया गांव के निवासी हैं, को 2023 में रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह महोबा जिला जेल की बैरक नंबर सात में बंद था। विजय ने बताया कि उसी बैरक में सात अन्य कैदी रहते हैं जो उसे लगातार प्रताड़ित करते थे। परेशान होने के बावजूद, उसने कई बार जेल प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शिकायतों के बावजूद कोई कदम न उठाए जाने से अन्य कैदियों का मनोबल और बढ़ गया। अत्यधिक तनाव और निराशा में विजय ने अपने जीवन को खत्म करने का निर्णय लिया। गुरुवार को जब उसे पेशी के लिए बांदा कोर्ट ले जाया गया, उसने पानी के साथ कांच के बारीक टुकड़े निगल लिए, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई।
अचानक स्थिति बिगड़ने पर पुलिसकर्मी हैरान रह गए। आनन-फानन में उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। अतर्रा थाना के सीओ प्रवीण यादव ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि कैदी को पेशी के दौरान अचानक तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
विजय की इस आत्महत्या के प्रयास ने जेल सुरक्षा और कैदियों की देखभाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला महोबा जेल प्रशासन की संवेदनशीलता और कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था की आलोचना की संभावना भी पैदा करता है।
इस घटना के बाद, जेल प्रशासन और संबंधित अधिकारियों पर यह जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वह कैदियों के उत्पीड़न और उनकी शिकायतों का त्वरित और न्यायसंगत समाधान सुनिश्चित करें, ताकि ऐसी भयावह घटनाओं को रोका जा सके।