रायपुर। चार साल पहले नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी सुरक्षा गार्ड, थर्ड जेंडर समेत तीन आरोपितों को कोर्ट ने उम्र कैद और दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर आरोपितों को चार-चार माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। न्यायाधीश ने पीड़ित बालिका पुनर्वास के लिए राज्य सरकार से सात लाख रुपये देने की अनुशंसा भी की है।
राज्य की ओर से मामले की पैरवी कर रही एसपीपी मोरिशा छत्तरी (नायडू) ने बताया कि नौ जनवरी 2020 के तीन महीने पूर्व सिविल लाइन इलाके के लोधीपारा, तरुणनगर में रहकर गार्ड का काम कर रहे मूलत: ओडिशा के बलांगीर जिले के काटाभांजी निवासी सुरक्षा गार्ड भरत तांडी (69), शक्तिनगर के दयालु तांडी (59) और चंद्रशेखरनगर, लोधीपारा के थर्डजेंडर शंकर सागर उर्फ बिजली (40) ने नौ वर्ष की बच्ची के साथ अलग-अलग समय में दुष्कर्म किया था।
शासकीय बालिका गृह शंकरनगर की अधीक्षिका रत्ना दुबे की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट का केस दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोप पत्र अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लवकेश प्रताप सिंह बघेल की प्रथम फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय में पेश किया। न्यायाधीश ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपित प्रकाश सिंह नायक को कोर्ट ने तीन अलग-अलग धाराओं में दस, पांच और एक वर्ष कठोर कारावास की सजा और ढाई हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक निलेश ठाकुर ने बताया कि गरियाबंद जिले के वार्ड नंबर 18 निवासी आरोपित प्रकाश सिंह नायक (32) ने सात सितंबर 2022 को घर में छोटे बच्चे के साथ रह रही महिला के घर लोन की किस्त लेने के बहाने पहुंचा और उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया।
किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता की शिकायत पर मैनपुर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी अत्याचार निवारण अधिनियम) पंकज कुमार सिन्हा की कोर्ट में पेश किया। न्यायाधीश ने आरोपित प्रकाश को दोषी ठहराते हुए धारा 376 में दस वर्ष, धारा 450 में पांच वर्ष, धारा 506 (2) में एक वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।