जाने माने क्रोकोडाइल एक्सपर्ट एडम ब्रिटन को ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने दर्जनों कुत्तों के यौन शोषण और हत्या से जुड़े अपराधों के लिए 10 साल से अधिक जेल की सजा सुनाई है. बीबीसी और नेशनल ज्योग्राफिक प्रोडक्शंस पर काम करने वाले 53 साल के जीव विज्ञानी को पशु क्रूरता और चाइल्ड अब्यूज मैटेरियल रखने से संबंधित 56 आरोपों में दोषी ठहराया गया है.
मामले की डीटेल के अनुसार, ब्रिटन ने 2020 और 2022 के बीच 42 कुत्तों को ऑनलाइन खरीदा और उनके मालिकों से वादा किया कि वे कुत्तों को बहुत अच्छे से रखेंगे. लेकिन उसने इन जानवरों पर अत्याचार और दुर्व्यवहार किया, साथ ही उसने अपनी इन हरकतों को एक शिपिंग कंटेनर के अंदर शूट भी किया. उसके टॉर्चर से कम से कम 39 कुत्ते मर गए.
ब्रिटन ने बाद में इन वीडियो को मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर शेयर किया. जांच में यह भी पाया गया कि उसने स्यूडोनिम्स- ‘मॉन्स्टर’ और ‘सेर्बेरस’ के तहत अपनी हत्याओं की चर्चा भी की. उत्तरी क्षेत्र सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश माइकल ग्रांट ने ब्रिटन के अपराधों को ‘विचित्र’ और ‘निशब्द करने वाला’ बताया. जेल की सजा के अलावा, ब्रिटन पर किसी भी जानवर को रखने या खरीदने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है.
ऑस्ट्रेलियाई प्रसारक एबीसी न्यूज ने जस्टिस ग्रांट के हवाले से कहा, ‘शख्स ने कुत्तों को प्रताड़ित करने और मारने से पहले उनकी तस्वीरें लीं और बाद में उन तस्वीरों को पूर्व मालिकों को ये बताकर भेजा कि वे नए माहौल में अच्छी तरह से ढल रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि ब्रिटन की क्रूरता का पैमाना किसी भी सामान्य मानवीय धारणा और समझ से पूरी तरह से परे है.
कभी वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक सम्मानित व्यक्ति रहे ब्रिटेन के ब्रिटन, को सबसे पहले 2022 में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस को उनकी ग्रामीण संपत्ति पर कंप्यूटर, कैमरे, हथियार, सेक्स टॉयेज, कुत्ते के सिर और पिल्लों की सड़ती लाशें मिलीं थीं.
इस मामले ने क्षेत्र के लोगों में आक्रोश फैलाया है और जानवरों के साथ काम करने वाले व्यक्तियों के लिए सख्त नियमों और ब्रैकग्राउंड चेक की मांग की गई है. इस बीच, पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अपराध की भयावहता के मुकाबले ब्रिटन को बहुत कम सजा मिली है.