महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में दुर्लभ मामला सामने आया है. जिला अस्पताल में जांच के लिए आई गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के बेट में भ्रूण होने का पता चला. इस गर्भावस्था को मेडिकल भाषा में ‘फीट्स इन फिटु’ (Fetus in fetu) कहा जाता है.
यह मामला तब सामने आया जब तीन दिन पहले बुलढाणा जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए एक गर्भवती महिला आई. जब डॉक्टर ने महिला की सोनोग्राफी की तो बच्चे के गर्भ में भ्रूण साफ दिखाई दे रहा था. डॉक्टर बिना जोखिम उठाए महिला की डिलीवरी कराने की कोशिश कर रहे हैं. महिला 32 साल की है और उसके पहले से दो बच्चे हैं.
क्या है ‘फीट्स इन फिटु’
ईश्वर ने इंसान को इस तरह से बनाया है कि महिलाएं एक निश्चित उम्र के बाद और अपनी शारीरिक संरचना में बदलाव के बाद प्रजनन कर सकती हैं. हालांकि, मां के गर्भ में विकसित हो रहे बच्चे के पेट में भ्रूण को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं. मेडिकल भाषा में, ऐसी गर्भावस्था जिसमें नौ महीने के बच्चे के गर्भ में एक और शिशु पलता है, उसे ‘फीट्स इन फिटु’ कहते हैं.
सर्जन भागवत भुसामरी के मुताबिक, यह शिशुओं में शिशु होने की एक घटना है. इसमें एक शिशु के गर्भ में एक और शिशु पलता है. लगभग पांच लाख गर्भवती महिलाओं में ऐसा एक मामला पाया जाता है. हालांकि, उस शिशु के जन्म के बाद, बच्चे को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान का काम है, लेकिन यह भ्रूण मां और उसके मुख्य बच्चे के लिए खतरा पैदा कर सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि डॉक्टर क्या समाधान निकालते हैं.