जबलपुर के इस बड़े अस्पताल में चूहों का आतंक, इंदौर की घटना के बाद भी नहीं जागा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन

जबलपुर: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां चूहों के आतंक ने मरीजों और अटेंडरों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. जानकारी के अनुसार, अस्पताल में भर्ती दो मरीजों और एक अटेंडर के पैरों को रात के समय चूहों ने कुतर डाला. सुबह जब परिजनों ने मरीजों के पैरों में घाव और खून के निशान देखे तो तुरंत प्रबंधन को सूचना दी. इस घटना से अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया और पीड़ितों को प्राथमिक उपचार दिया गया.
मरीजों की सुरक्षा को लेकर एक और बड़ी लापरवाही नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामने आई है. अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में भर्ती तीन मरीजों को चूहों ने बुरी तरह से काट लिया. यह घटना तब हुई जब पिछले एक महीने से विभाग में चूहों के आतंक की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. यह घटना इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के काटने से दो मासूमों की मौत के बाद जारी की गई चेतावनियों को नजरअंदाज करने का सीधा परिणाम है.
मरीजों के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में चूहों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन प्रबंधन लगातार अनदेखी कर रहा है. इंदौर में हुई इसी तरह की घटना के बाद भी जबलपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन नहीं जागा. मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि मानसिक रोग विभाग में पहले भी चूहों के दौड़ने की शिकायतें की गई थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. रात के समय चूहे मरीजों के पास तक पहुंच जाते हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ रही है.
वहीं, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का दावा है कि अस्पताल में चूहों को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से पेस्ट कंट्रोल कराया जाता है. लेकिन जिस तरह से मरीजों और अटेंडर के पैर कुतरने की घटना सामने आई है, उससे यह साफ है कि व्यवस्थाएं केवल कागजों पर ही सीमित हैं. इस घटना ने अस्पताल की लापरवाही को उजागर कर दिया है और मरीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. परिजनों की मांग है कि तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि मरीजों की जिंदगी को चूहों के आतंक से बचाया जा सके.
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