मध्य प्रदेश में टाइगर रिज़र्व को लेकर बड़ी खुशखबरी मिली है. टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश को दो दिन में दो टाइगर रिजर्व की सौगात मिली हैं. प्रदेश में अब 07की जगह 09टाइगर रिजर्व होंगे. रातापानी प्रदेश का 09वां टाइगर रिजर्व होगा. राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. रातापानी टाइगर रिज़र्व बनने से अब इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी.
रातपानी के आसपास फिलहाल 90से ज़्यादा बाघ है.मध्य प्रदेश को दो दिन में दो टाइगर रिज़र्व की सौगात मिली हैं. प्रदेश में अब 07की जगह 09टाइगर रिजर्व होंगे. रातापानी प्रदेश का 09वां टाइगर रिजर्व होगा. राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. रातापानी टाइगर रिज़र्व बनने से अब इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी.
दो दिन पहले ही शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को केंद्र सरकार ने टाइगर रिजर्व बनाया था. अब रातापानी और माधव नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व बनने से संख्या बढ़कर 9 हो गई है. मध्य प्रदेश में अब वन्य जीवों के आशियाने और सरंक्षन के लिए टाइगर रिज़र्व मील का पत्थर साबित होंगे.
पर्यटकों की बढ़ेगी संख्या
अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार ने टाइगर रिज़र्व कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर और बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर निर्धारित किया है. टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर हो गया है. रातापानी टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में 9 गांव शामिल किए गए हैं, जिसमें झिरी बहेड़ा, जावरा मलखार, देलावाड़ी, सुरई ढाबा, पांझिर, कैरी चौका, दांतखो, साजौली और जैतपुर के गांवों है.
इन गावों का रकबा 26.947 वर्ग किलोमीटर है. अभी तक इन गांवों को कोर क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया है. रातापानी के अभयारण्य बनने के बाद अब स्थानीय लोगो को रोज़गार के अवसर मिलेंगे. भोपाल से लगे होने के चलते अब पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी
टाइगर स्टेट एमपी में अब बढ़ेगा बाघों का कुनबा
एमपी में साल दर साल बढ़ती बाघों की बढ़ती संख्या के चलते टाइगर स्टेट है. मध्य प्रदेश में अब तक 785 बाघ हैं, जो 2022 की गणना के अनुसार प्रदेश के में लगातार बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है. 2018 में यह संख्या 526 थी, और अब बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि 17साल के इंतज़ार के बाद रातापानी को टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिला है अब इसके बाद बदली हुई तस्वीर नज़र आएगी.