आलोट रेलवे स्टेशन के पास 28-29 अगस्त की रात ट्रेन से गिरने से मृत व्यक्ति की पहचान सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार 46 साल के दिलबाग सिंह के रूप में हुई।
सोमवार को मुक्तिधाम में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वह बाबा बूढ़ा एवेन्यू बस वाला बाजार, 14 बी के सामने अमृतसर (पंजाब) के निवासी थे।
हादसे के बाद से पहचान नहीं होने से शव दफना दिया गया था। इधर, पत्नी पलकप्रीत दिलबाग सिंह को ढूंढते हुए रतलाम पहुंचीं तो हादसे की जानकारी मिली। इसके बाद एसडीएम की अनुमति से शव निकलवाया गया।
महू कैंप से पहुंचे सेना के जवानों ने तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को सलामी दी और स्वजन की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करवाया।
पलकप्रीत ने बताया कि दिलबाग सिंह 17वीं सिखलाई बटालियन में सूबेदार के पद पर रहते हुए 26 वर्ष तक सेना में सेवा देने के बाद 30 मई 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद वे पुनः सेवा के लिए डीएससी (डिफेंस सिक्यूरिटी कोप्स) में भर्ती हुए थे।
अप्रैल में ट्रेनिंग के लिए केरल के कन्नूर गए थे। हादसे वाले दिन दिलबाग सिंह ट्रेनिंग पूरी कर ट्रेन से घर लौट रहे थे। दिलबाग सिंह को मुंबई के एयरपोर्ट पर ज्वाइनिंग देने जाना था।
यात्री ने फोन उठाकर दी थी जानकारी
पलकप्रीत ने बताया कि 27 और 28 अगस्त को उनकी दिलबाग सिंह से फोन पर बात हुई थी। 29 अगस्त को ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री संजय ने दिलबाग का फोन उठाकर सूचना दी कि वह रात के बाद से दिखाई नहीं दे रहे, जबकि उनका सामान सीट पर रखा हुआ है।
इसके बाद स्वजन तलाश में रतलाम तक पहुंचे। जहां रतलाम में उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस ने दिलबाग के शव की शिनाख्ती करवाई। दिलबाग सिंह की दो बेटियां अनमोलदीप कौर, सिमरनदीप कौर और बेटा जन्नतदीप सिंह हैं।