Vayam Bharat

चूहों ने किया Delhi-Mumbai एक्सप्रेस-वे में छेद, बारिश का पानी जमा होने से हुआ गहरा गड्ढा

देश के सबसे लंबे और तेज रफ्तार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की क्वालिटी पर अब सवाल उठने लगे हैं. एक्सप्रेस-वे पर दौसा एरिया में भांडारेज टोल के समीप अचानक जमीन धंस गई और गहरा गड्ढा हो गया. मामले की सूचना मिलते ही मेंटेनेंस कर्मचारियों ने एक्सप्रेस-वे पर बैरिकेडिंग की और गड्ढे की मरम्मत की. जांच पड़ताल में सामने आया कि चूहे या किसी अन्य जीव के बिल के कारण वहां बारिश का पानी इकट्ठा हो गया और एक्सप्रेस-वे की सड़क धंस गई. हालांकि, यह दावे कितने सच हैं? यह अभी कहा नहीं जा सकता. लेकिन गड्ढे को ठीक कर दिया गया है और उस एरिया को अभी बंद रखा गया है. एनएचएआई के डिजाइन विभाग के इंजीनियर दिल्ली से दौसा पहुंच चुके हैं.

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं. ऐसे में कई बार गाड़ियां हवा में उछलती हुई नजर आती हैं, तो कभी गड्ढे के कारण एक्सीडेंट होते हैं. बीते दिनों वयम भारत ने एक्सप्रेस-वे पर गड्ढों समेत सड़क की खराब क्वालिटी का मुद्दा उठाया और इस खबर को प्रमुखता से दिखाया गया. इसके बाद सड़क परिवहन मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए ठेकेदार पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया. साथ ही एक इंजीनियर को भी बर्खास्त किया गया. इसके अलावा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. लेकिन उसके बाद भी हालत सुधारते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर चेंबर नंबर 182.3 भांडारेज टोल के समीप 10 फुट गहरा गड्ढा हो गया और सड़क उस गड्ढे के अंदर धंस गई. एक्सप्रेस-वे जब गड्ढे में गाड़ियां उछालती हुई दिखाई दीं, तो कैमरा पर मॉनिटरिंग कर रहे कर्मचारियों ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी.

मामले की जानकारी मिलते ही एक्सप्रेस-वे की मेंटेनेंस टीम मौके पर पहुंची और उसे गड्ढे के आसपास बैरिकेडिंग की गई. मामला मीडिया में पहुंचा तो एक्सप्रेस-वे प्रशासन ने तुरंत गड्ढे की मरम्मत करवाई.

एक्सप्रेस-वे की दौसा क्षेत्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बलवीर यादव ने बताया कि चूहे के बिल के कारण सड़क पर पानी का रिसाव हुआ, जिसके कारण चेंबर नंबर 182.3 पर सड़क धंस गई और गहरा गड्ढा हो गया. मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत ठेकेदार ने उसे क्षेत्र में बैरिकेडिंग की और उस गड्ढे को ठीक किया गया. गड्ढे को ठीक कर दिया गया है. बारिश के चलते लगातार सड़क क्षतिग्रस्त हो रही है, तो रिपेयरिंग करने का काम भी चल रहा है.

इंजीनियर दिल्ली से पहुंचे दौसा
एनएचएआई के डिजाइन विभाग के इंजीनियर गड्ढे की जानकारी मिलने के बाद बुधवार सुबह दिल्ली से दौसा पहुंच चुके हैं. इंजीनियर उस पूरे क्षेत्र की जांच पड़ताल कर रहे हैं. अभी उस पूरे एरिया को बैरिकेडिंग करके बंद किया गया है. इंजीनियरों के निर्देश के बाद उसे क्षेत्र में मरम्मत की जाएगी और उसके बाद उसे क्षेत्र को यातायात के लिए खोला जाएगा.

सचिन पायलट ने उठाए सवाल
सचिन पायलट ने कहा कि देश में हादसे हो रहे हैं. ट्रेन एक्सीडेंट हो रहे हैं. एयरपोर्ट की छत गिर रही है. अयोध्या मंदिर में पानी टपक रहा है. शिवाजी महाराज की मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई. प्रधानमंत्री उसके लिए माफी मांग रहे हैं. 10 साल में जो इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करते थे. अब सबको नजर आने लगा है कि गुणवत्ता कैसी है. कितनी लापरवाही से कामों को किया गया है. इस पर सरकार को जांच कमेटी बनानी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए. लेकिन अगर ठेकेदार उनके नजदीकी है. तो उन पर कदम कैसे उठाएंगे. लेकिन जनता सब देख रही है और सच्चाई सबके सामने आएगी.

बड़ा हादसा होने से टला
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं. ऐसे में छोटे से गड्ढे के कारण गाड़ी का बैलेंस बिगड़ सकता है और पलट भी सकती है. इस गहरे गड्ढे में बड़ा हादसा हो सकता था. लेकिन समय रहते इसकी जानकारी मिल पाई , इसलिए बड़ा हादसा होने से टल गया.

एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर अब सवाल उठ रहे हैं. जल्दबाजी में ठेकेदारों ने एक्सप्रेसवे के काम को किया. एक्सप्रेसवे शुरू हो चुका है. हालांकि, अभी एक्सप्रेसवे को पूरा शुरू नहीं किया गया है. लेकिन राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात क्षेत्र में जहां-जहां एक्सप्रेस में शुरू हुआ है. उन सभी जगह पर गड्ढे हो रहे हैं. सड़क टूट रही है. सड़कों पर रोडिया नजर आ रही है और जिसके चलते हादसे हो रहे हैं.

अलवर-दोसा में होते हैं सबसे ज्यादा हादसे
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर अलवर दौसा क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं और लोगों की जान जाती है. बीते दिनों हुए कई बड़े हादसों के बाद आईआईटी ने हादसा के कारणों पता लगाया. लेकिन उसके बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई. एनएचएआई के अधिकारी और कर्मचारी केवल लीपापोती करने में लगे रहते हैं.

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