एजबेस्टन टेस्ट मैच की पहली पारी में शानदार अर्धशतकीय पारी खेलने वाले टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने एक बड़ी गलती कर दी है. उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का एक नियम तोड़ दिया है. इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी, क्योंकि इस समय BCCI अपने नियमों को लेकर काफी सख्त है. सभी खिलाड़ियों को इन नियमों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. अगर कोई खिलाड़ी इस नियमों को तोड़ता है तो उसको कड़ी सजा भी मिलती है. इसके बावजूद रवींद्र जडेजा ने बोर्ड के एक नियम को तोड़कर सबको चौंका दिया है. अब उनकी सजा मिलेगी या नहीं ये बोर्ड पर निर्भर करता है.
जडेजा ने कौन सा नियम तोड़ा?
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद BCCI ने एक नया नियम बनाया था. इसके मुताबिक कोई भी खिलाड़ी स्टेडियम अकेले न जाएगा और न ही आएगा. सभी टीम बस में एक साथ चलेंगे, लेकिन जडेजा ने एजबेस्टन टेस्ट के दौरान इन नियम को तोड़ दिया. इस टेस्ट मैच के दूसरे दिन रवींद्र जडेजा टीम बस को छोड़कर पहले ही होटल से स्टेडियम के लिए रवाना हो गए. ये बात सबको तब पता चली जब बस में वो नहीं दिखे. हालांकि जडेजा ने टीम की हित के लिए ये नियम तोड़ा था.
आखिरी क्यों तोड़ा नियम?
एजबेस्टन टेस्ट मैच के पहले दिन कप्तान शुभमन गिल और रवींद्र जडेजा ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की और नाबाद लौटे थे. रवींद्र जडेजा पहले दिन 41 रन बनाकर नाबाद रहे थे. वो अपनी इस पारी को लंबा करना चाहते थे, क्योंकि लीड्स में मिली हार के बाद तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट्स उनकी टीम में जगह को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे.
इसी वजह से जडेजा दूसरे दिन सुबह की अकेले स्टेडियम पहुंच गए. वो लोकल गेंदबाजों के साथ नेट्स पर करीब 40 मिनट तक बल्लेबाजी की प्रैक्टिस की. इसकी झलक मैच के दौरान दिखी. जडेजा ने पहली पारी में 137 गेंदों पर 10 चौके और 1 छक्का की मदद से 89 रनों की पारी खेली. इस दौरान वो कप्तान शुभमन गिल के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 203 रनों की साझेदारी निभाकर टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचा दिया था. जब जडेजा मैदान पर उतरे थे, तब टीम की हालत काफी नाजुक थी.
शुभमन और जडेजा ने टीम को संभाला
दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन टीम इंडिया 211 पर 5 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी. इसके बाद जडेजा और शुभमन गिल ने पारी को संभाला और टीम को कोई नुकसान नहीं होने दिया. वैसे भी जडेजा को एजबेस्टन का मैदान बहुत रास आता है. साल 2022 में जडेजा ने इस मैदान पर शतक जड़ा था और ऋषभ पंत के साथ मिलकर 222 रनों की साझेदारी की थी. इसके बावजूद टीम को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार जडेजा इस इतिहास को बदलना चाहते हैं, शायद इसी वजह से उन्होंने BCCI के नियम को तोड़कर टीम की हित के लिए जरूर कदम उठाए.
जडेजा ने क्या कहा?
दिन का खेल खत्म होने के बाद जडेजा ने कहा कि कहीं न कहीं मुझे लगा कि मुझे अतिरिक्त बल्लेबाजी करनी चाहिए, क्योंकि गेंद अभी भी नई थी. मुझे लगा कि अगर मैं नई गेंद को ठीक से खेल लेता हूं तो आगे की पारी आसान हो जाएगी. सौभाग्य से मैं लंच तक बल्लेबाजी कर सका और फिर वाशिंगटन सुंदर ने भी शुभमन के साथ अच्छी बल्लेबाजी की. आप इंग्लैंड में जितनी अधिक बल्लेबाजी करते हैं, उतना ही बेहतर होता है क्योंकि आपको कभी नहीं लगता कि आप इंग्लैंड में सेट हैं. कभी भी कोई गेंद स्विंग कर सकती है और आपका किनारा ले सकती है या आपको बोल्ड कर सकती है.
उन्होंने कहा, “जब आप टीम के लिए बल्ले से योगदान देते हैं, तो बहुत अच्छा लगता है, जब आप भारत से बाहर खेल रहे होते हैं और टीम को आपकी अधिक जरूरत होती है, तो अच्छा लगता है. 211 रन पर 5 विकेट खोकर टीम को आगे ले जाने के लिए बड़ी साझेदारी करना एक चुनौती है. मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया.