मरकज सुभान अल्लाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर के बाहरी इलाके में एनएच-5 (कराची-तोर्कहम राजमार्ग) पर कराची मोड़ के पास स्थित है. यह जैश-ए-मोहम्मद (jem) का मुख्य प्रशिक्षण और प्रचार केंद्र है, जो 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यह केंद्र जैश-ए-मोहम्मद का परिचालन मुख्यालय है. 14 फरवरी 2019 के पुलवामा हमले सहित कई आतंकी योजनाओं से जुड़ा हुआ है.
मरकज सुभान अल्लाह का अवलोकन
स्थान: एनएच-5, कराची मोड़, बहावलपुर, पंजाब, पाकिस्तान.
स्थापना: 2015 पाकिस्तान की प्रांतीय और संघीय सरकारों के समर्थन और खाड़ी, अफ्रीकी देशों (यूके सहित) से जुटाए गए धन के साथ.
मुख्य कार्य: जैश-ए-मोहम्मद के लिए युवाओं का प्रशिक्षण, विचारधारा का प्रचार और आतंकी गतिविधियों की योजना.
क्षमता: 600 से अधिक कैडर (आतंकी) इस परिसर में रहते और प्रशिक्षण लेते हैं.
प्रमुख विशेषताएं
आवास: जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख नेता, मौलाना मसूद अजहर: जैश का प्रमुख (वर्तमान में इस्लामाबाद/रावलपिंडी में पाकिस्तानी अधिकारियों की सुरक्षात्मक हिरासत में)
मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर: जैश का वास्तविक (de-facto) प्रमुख.
यूसुफ अजहर (उस्ताद घोरी): मसूद अजहर का साला और जैश के सशस्त्र विंग का प्रमुख.
मौलाना अम्मार: मसूद अजहर का भाई.
मौलाना तल्हा सैफ: मसूद अजहर का छोटा भाई.
मोहम्मद अब्दुल्ला बिन मसूद: मसूद अजहर का बेटा.
प्रशिक्षण सुविधाएं
हथियार प्रशिक्षण: राइफल, रॉकेट लॉन्चर, और विस्फोटकों का प्रशिक्षण. शारीरिक प्रशिक्षण के लिए जिम्नेजियम (मार्च 2018 से), स्विमिंग पूल (जुलाई 2018 से) और गहरे पानी में गोताखोरी पाठ्यक्रम.
धार्मिक प्रशिक्षण: मौलाना रफीकुल्लाह जो मध्य 2022 से मुख्य प्रशिक्षक हैं, कट्टरपंथी विचारधारा सिखाते हैं.
अन्य प्रशिक्षण: 6-दिवसीय तीरंदाजी प्रशिक्षण, घुड़सवारी (मई 2022 से घोड़े के अस्तबल और राइडिंग ग्राउंड) और ‘अल हिजामा’ केंद्र (2019 से प्रेशर कपिंग थेरेपी).
आतंकी गतिविधियां: मरकज सुभान अल्लाह 2019 के पुलवामा हमले के लिए प्रशिक्षण केंद्र था, जिसमें 40 CRPF जवान शहीद हुए थे.
हाल की गतिविधियां
30 नवंबर 2024: मौलाना मसूद अजहर ने दो साल बाद मारकज सुभान अल्लाह में जैश कैडर को संबोधित किया. उन्होंने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए और बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने की बात दोहराई. इस आयोजन में मौलाना तल्हा सैफ, मोहम्मद अब्दुल्ला बिन मसूद और अन्य जैश ऑपरेटिव्स शामिल थे. मसूद अजहर का आखिरी सार्वजनिक संबोधन मारकज उस्मान-ओ-अली में खात्म-ए-नबुव्वत सम्मेलन में था.
मरकज सुभान अल्लाह का रणनीतिक महत्व
आतंकी केंद्र: यह जैश का सबसे महत्वपूर्ण परिचालन और प्रशिक्षण केंद्र है, जहां आतंकियों को हथियार, शारीरिक और धार्मिक प्रशिक्षण दिया जाता है. केंद्र को पाकिस्तान की प्रांतीय और संघीय सरकारों का समर्थन प्राप्त है, जो ISI के संरक्षण में संचालित होता है.
पुलवामा हमला: इस केंद्र ने 2019 के पुलवामा हमले के लिए आतंकियों को प्रशिक्षित किया, जिसके बाद भारत ने बालाकोट में हवाई हमला किया था.
ऑपरेशन सिंदूर में लक्ष्य: 7 मई 2025 को, मारकज सुभान अल्लाह को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाया गया, जिसमें विशेष गोला-बारूद जैसे स्कैल्प और हैमर मिसाइलों का उपयोग किया गया.
ऑपरेशन सिंदूर में मरकज सुभान अल्लाह पर हमला
ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से 7 मई 2025 को शुरू किया गया एक सटीक सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ढांचे को नष्ट करना था. यह अभियान 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. मरकज सुभान अल्लाह इस ऑपरेशन का प्रमुख लक्ष्य था.
हमले का विवरण
मरकज सुभान अल्लाह के प्रशिक्षण शिविर, हथियार डिपो और कमांड सेंटर. जैश के वरिष्ठ नेताओं, जैसे मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर और यूसुफ अजहर के ठिकाने. 600 से अधिक कैडर जो इस परिसर में रहते थे.
हथियार
स्कैल्प क्रूज मिसाइल: राफेल जेट्स से लॉन्च, 250-560 किमी रेंज, स्टील्थ डिज़ाइन. इसका उपयोग गहरे कमांड सेंटरों और बंकरों को नष्ट करने के लिए किया गया.
हैमर मिसाइल: 20-70 किमी रेंज, लेजर और इन्फ्रारेड गाइडेंस. इसका उपयोग बंकरों और छोटे लक्ष्यों, जैसे प्रशिक्षण सुविधाओं को नष्ट करने के लिए.
ब्रह्मोस मिसाइल: सुपरसोनिक गति और 400 किमी रेंज के साथ हथियार डिपो को नष्ट करने के लिए.
SPICE 2000 और Popeye बम: मिराज 2000 जेट्स से तैनात, सटीक निशाना लगाने के लिए.
ड्रोन-आधारित माइक्रो-म्यूनिशन्स: हेरॉन ड्रोनों से छोटे लेकिन महत्वपूर्ण लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए.
ये हुआ नुकसान
ढांचागत विनाश: सैटेलाइट इमेजरी से पुष्टि हुई कि मरकज सुभान अल्लाह के प्रशिक्षण शिविर, जिम्नेजियम, स्विमिंग पूल और हथियार डिपो पूरी तरह नष्ट हो गए.
आतंकियों को नुकसान: संभावना है कि 200-300 आतंकी मारे गए, जिनमें मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर और यूसुफ अजहर जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं.
मनोवैज्ञानिक प्रभाव: हमले ने जैश और ISI को गहरा झटका दिया, क्योंकि भारत ने 150 किमी अंदर तक सटीक हमला किया.
पाकिस्तानी प्रतिक्रिया: पाकिस्तान ने नुकसान से इनकार किया, लेकिन स्थानीय रिपोर्टों ने विनाश की पुष्टि की. डीजी ISPR मेजर जनरल आसिफ गफूर ने दावा किया कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
भविष्य की चुनौतियां
2019 के बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान ने हवाई हमला किया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी ऐसी संभावना है. जैश नए नामों (जैसे TRF) के तहत पुनर्गठन कर सकता है. भारत को अपनी कार्रवाई को वैध ठहराने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने होंगे. हमले से कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ सकती हैं.