आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खाताधारकों को 25,000 रुपए तक विड्रॉल की अनुमति दी,जिससे बैंक ग्रहको को बड़ी राहत मिली है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को 27 फरवरी 2025 से 25,000 रुपए प्रति खाताधारक तक की निकासी की अनुमति दे दी है.
यह राहत ऐसे समय में आई है जब केंद्रीय बैंक ने लगभग दो हफ्ते पहले इस बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें निकासी पर पूरी तरह रोक भी शामिल था. आरबीआई ने 13 फरवरी 2025 को बैंक की liquidity और financial stability को लेकर चिंता जताते हुए इस पर ऑल-इनक्लूसिव डायरेक्शंस (AID) लगाए थे, जिससे जमाकर्ता कोई भी धनराशि नहीं निकाल सकते थे.
किस कस्टमर को कितनी निकासी की अनुमति
अब बैंक की नकदी स्थिति की समीक्षा के बाद, केंद्रीय बैंक ने आंशिक राहत देने का निर्णय लिया है. आरबीआई ने कहा कि 50% से अधिक खाताधारक अपनी पूरी जमा राशि निकाल सकेंगे.
ATM से निकाल सकेंगे पैसे
आरबीआई ने इससे पहले बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था और एक Administrator तथा Committee of Advisors CoA नियुक्त की थी. अब इस समिति को नए सदस्यों के साथ पुनर्गठित किया गया है, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. वहीं जो कस्टमर बैंक से पैसा निकालना चाहते हैं, वो न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक या किसी अन्य बैंक के ATM से पैसे विड्रॉल कर सकते हैं.
बैंक के सीईओ और डेवलपर पुलिस हिरासत में
इससे पहले इस मामले में ईओडब्ल्यू ने बैंक के सीईओ हितेश मेहता और डेवलपर धर्मेश पौन को गिरफ्तार किया था. भारतीय रिजर्व बैंक के निरीक्षण के बाद धन की कथित हेराफेरी का मामला सामने आया था. बैंक में गड़बड़ी के बाद आरबीआई ने छह महीने का बैन भी लगा दिया है. आरबीआई की ओर से बैन लगाए जाने के बाद से मुंबई में बैंक के बाहर खाता धारकों की लंबी लाइन देखने को मिली थी. बैंक में जिसका भी खाता है सभी परेशान हैं. किसी का सोना रखा हुआ है तो किसी के खाते में पैसा फंसा हुआ है.