नई दिल्ली:भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने बैंकों को AEPS टचपॉइंट ऑपरेटरों (ATO) के लिए कड़े KYC और जांच प्रावधान लागू करने के निर्देश दिए हैं।आरबीआई के अनुसार, अब कोई भी बैंक ATO को शामिल करने से पहले ग्राहक के समान स्तर की जांच-पड़ताल करेगा। यदि किसी ऑपरेटर की पहले ही उप-एजेंट के रूप में जांच हो चुकी है, तो उसे सीधे जोड़ा जा सकता है। ये नए नियम 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे।
3 महीने निष्क्रिय ATO पर विशेष निगरानी
अगर कोई AEPS ऑपरेटर लगातार तीन महीने तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे दोबारा एक्टिव करने से पहले फिर से KYC वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
आरबीआई ने ये कदम AEPS से जुड़े बढ़ते फ्रॉड और पहचान चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया है। साथ ही, ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने और सिस्टम की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए इसे अहम माना जा रहा है।नए निर्देश भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10(2) और 18 के तहत जारी किए गए हैं। आरबीआई ने यह भी कहा है कि AEPS ऑपरेटर्स से जुड़े नियमों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।