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नवाज शरीफ के बयान पर भारत ने क्या कुछ कहा है? पढ़िए

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “आप इस मुद्दे पर हमारी स्थिति से अवगत हैं. मुझे इसे दोहराने की जरूरत नहीं है. हम ध्यान दें कि इस मामले पर पाकिस्तान में भी एक वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण उभर रहा है.”

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के रवैया और उनके बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद ने लाहौर संधि का उल्लंघन किया है, पर भारत ने 30 मई को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पड़ोसी देश में इस मुद्दे पर एक वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण उभर रहा है.

शरीफ ने मंगलवार को कहा कि इस्लामाबाद ने भारत के साथ उनके और पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 1999 में हस्ताक्षरित समझौते का “उल्लंघन” किया है, जो कारगिल युद्ध के लिए जनरल परवेज मुशर्रफ के दुस्साहाज को दर्शाता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा आप इस मुद्दे पर हमारी स्थिति से अवगत हैं. मुझे उसे दोहराने की जरूरत नहीं है. हमें ध्यान देने की जरूरत हैं कि इस मामले पर पाकिस्तान में भी एक वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण उभर रहा है.

लाहौर में एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद, तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री वाजपेयी और शरीफ ने 21 फरवरी, 1999 को लाहौर समझौता पर हस्ताक्षर किया था. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच लाहौर समझौते के बाद दोनों पड़ोसी देशों में शांति और स्थिरता की उम्मीद जगी थी. हालाँकि, कुछ महीनों बाद जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण कारगिल युद्ध हुआ.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने स्वीकार किया था कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किये. उसके बाद वाजपेई साहब यहां आये और हमारे साथ समझौता किया, लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया…. यह हमारी गलती थी।यह पहला मौका था जब पाकिस्तान के तरफ से कोई बड़ा चेहरा सार्वजनिक रूप से अपनी भूल को स्वीकार किया हो.

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