सीरिया के अलेप्पो शहर में एक बार फिर भारी उथल-पुथल मच गई है. इस्लामिक संगठन हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में विद्रोही गुट शहर के केंद्र तक पहुंच गया है और कई इलाकों पर कब्जा भी जमा लिया है. इसके बाद सीरियाई प्रशासन ने शनिवार को अलेप्पो हवाई अड्डा और शहर से जुड़ी सभी सड़कों को बंद कर दिया. करीब एक दशक पहले विद्रोहियों को अलेप्पो से खदेड़ने के बाद, राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके सहयोगियों ने इस शहर पर अपना नियंत्रण स्थापित किया था, लेकिन इस हफ्ते विद्रोही अचानक लौटे और शहर के अंदर तक घुस आए. बुधवार को शुरू हुए इस हमले ने शुक्रवार तक अलेप्पो के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया.
सेना का ‘सुरक्षित वापसी’ आदेश
सैन्य सूत्रों के मुताबिक, सेना को उन इलाकों से सुरक्षित निकलने के आदेश दिए गए हैं, जहां विद्रोही पहुंच चुके हैं. असद के मजबूत सहयोगी रूस ने विद्रोहियों को रोकने के लिए सीरिया को अतिरिक्त सैन्य सहायता देने का वादा किया है. कहा जा रहा है कि अगले 72 घंटों में भारी हथियार और सैन्य उपकरण पहुंचाए जाएंगे.
स्थानीय लोग और विद्रोहियों की मंशा
स्थानीय लोगों के लिए यह संकट डर और असुरक्षा का माहौल लेकर आया है. विद्रोहियों ने इस हमले को हाल के हफ्तों में इदलिब में हुए रूसी और सीरियाई हवाई हमलों के जवाब में शुरू किया है. उनका कहना है कि यह अभियान सीरियाई सेना के संभावित हमलों को रोकने के लिए भी है. सूत्रों के अनुसार, तुर्की, जो इन विद्रोहियों का समर्थन करता है, उन्होंने इस हमले को अप्रत्यक्ष रूप से मंजूरी दी है. हालांकि, तुर्की ने सार्वजनिक रूप से क्षेत्र में अधिक अस्थिरता न फैलाने की बात कही है. अलेप्पो, जो एक समय सीरिया की सांस्कृतिक और आर्थिक राजधानी था, अब एक बार फिर संघर्ष का मैदान बन गया है. यह स्थिति न केवल सीरिया के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए चिंताजनक है.