शिक्षा में नवाचार की पहचान: धमतरी की दो शिक्षिकाएं आज राज्यपाल पुरस्कार से होंगी सम्मानित

धमतरी: शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और निरंतर उत्कृष्ट कार्य के लिए शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को राजधानी रायपुर में धमतरी जिले की दो महिला शिक्षकों को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. धमतरी ब्लाक के प्राथमिक शाला कोलियारी से प्रीति शांडिल्य और कुरुद ब्लाक के ग्राम खैरा प्राथमिक शाला से किरण साहू राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त करने राजधानी रायपुर रवाना हो चुकी हैं. दोनों को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कार दिया जाएगा.

शाला त्यागी बच्चों को स्कूल से जोड़ने की सार्थक पहल

प्राथमिक शाला खैरा की प्रधान पाठक किरण साहू की 2006 में बलौदा बाजार जिले में नियुक्ति हुई थी. उसके बाद वह 2008 में धमतरी जिला प्राथमिक शाला चर्रा पहुंची. लंबे समय तक वहां रहने के बाद जून 2023 में खैरा आई. कला संकाय की किरण साहू ने कई नवाचार किया. उन्होंने बताया कि उनकी उपलब्धियों में माडल स्कूल का निर्माण करना, शाला त्यागी बच्चों को जोड़ना, पढ़ाई के प्रति जिनकी रुचि नहीं होती, उनको स्कूल तक लाना, नवोदय और एकलव्य परीक्षा के लिए तैयार कराना, जन सहयोग से चर्रा स्कूल में लगभग पांच लाख तक के दान के माध्यम से कई निर्माण कार्य किए गए. स्कूल में उन्होंने स्मार्ट टीवी प्रदान किया है. चर्रा स्कूल में सरपंच के सहयोग से कंप्यूटर सेट प्रदान किया गया. इस वर्ष 13 छात्र निजी विद्यालय से उनके स्कूल में आए हैं, जैसे अन्य और कई उपलब्धियां उनके नाम शामिल हैं.

पालकों से सतत संपर्क,कमजोर व दिव्यांग बच्चों की मदद की

नवीन प्राथमिक शाला कोलियारी में पदस्थ प्रीति शांडिल्य की प्रथम नियुक्ति 2008 में इसी स्कूल में हुई थी. तब से लेकर अब तक वह कार्य कर रही हैं. पुस्तक लेखन, दिव्यांगों की सेवा, रक्तदान जैसे कई सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना, अधोसंरचना में स्कूल का सुधार किया गया. सामुदायिक सहभागिता के तहत जन सहयोग से कंप्यूटर सेट प्रदान करना, समाज सेवा के तहत दिव्यांगों खासकर दृष्टिबाधित बच्चों की सेवा करना. इसी सिलसिले में उनकी ब्रेल लिपि पुस्तक छग के 20 स्कूलों में स्वयं के व्यय से उन्होंने प्रदान किया है.

उनकी विभिन्न विषयों पर सात किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. रक्तदान जागरूकता अभियान के तहत वह लगातार लगी रहती हैं. वह स्वयं 20 बार रक्तदान कर चुकी हैं. इस वर्ष वह स्कूल को स्मार्ट टीवी प्रदान कर रही हैं. स्वयं के व्यय से बच्चों को जूता, मोजा, पाठ्य सामग्री प्रदान किया गया है. आठ बच्चों को कब बुलबुल प्रतियोगिता में स्वयं के व्यय पर ले गई थीं. वर्तमान में स्मार्ट क्लास प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है.

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