चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर में इस बार दान में मिली चांदी का रिकॉर्ड बना है। जुलाई में मंदिर को दानपात्र (भंडार) से रिकाॅर्ड 204 किलो 500 ग्राम चांदी चढ़ावे के रूप में मिली। कुल 22 करोड़ 22 लाख 76 हजार 77 रुपए की नकद राशि मिली।
मंदिर मंडल के सदस्य पवन तिवाड़ी ने बताया- ऑनलाइन माध्यम से और मंदिर के भेंट कक्ष में दिए गए दान की भी गणना की गई है। इन दोनों स्रोतों से 6 करोड़ 9 लाख 69 हजार 478 रुपए प्राप्त हुए हैं। इस तरह इस महीने मंदिर को नकदी के रूप में कुल 28 करोड़ 32 लाख 45 हजार 555 रुपए चढ़ावा आया।
मंदिर प्रशासन के अनुसार दानपात्र (भंडार) से 410 ग्राम सोना और 80 किलो 500 ग्राम चांदी निकली है। भेंट कक्ष से एक किलो 33 ग्राम सोना और 124 किलो चांदी प्राप्त हुई है। इस तरह कुल 1 किलो 443 ग्राम सोना और 204 किलो 500 ग्राम चांदी मिली है।
इससे पहले, 2024 में दीपावली के बाद 30 नवंबर को 2 महीने का भंडार खोला गया था। तब 187 किलो 9 ग्राम चांदी प्राप्त हुई थी।
छह राउंड में हुई गिनती दान की काउंटिंग 6 राउंड में पूरी हुई। काउंटिंग 23 जुलाई को चतुर्दशी के दिन शुरू हुई थी। पहले राउंड में 7 करोड़ 15 लाख रुपए की नकदी गिनी गई थी।
25 जुलाई को दूसरे राउंड में 3 करोड़ 35 लाख और 28 जुलाई को तीसरे राउंड में 7 करोड़ 63 लाख 25 हजार रुपए गिने गए।
29 जुलाई को चौथे राउंड में 3 करोड़ और 30 जुलाई को पांचवें राउंड में 88 लाख 65 हजार 200 रुपए गिने गए। गुरुवार को छठे राउंड में 20 लाख 85 हजार 877 रुपए की गिनती हुई।
मन्नत पूरी होने पर भक्त करते हैं दान सांवलिया सेठ मंदिर में हर माह दानपात्र खोला जाता है और नियमित रूप से गिनती की जाती है। भक्त यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। पूर्ण होने पर बड़े स्तर पर दान करते हैं। नकदी के साथ-साथ लोग सोना-चांदी और अन्य बहुमूल्य वस्तुएं भी मंदिर को समर्पित करते हैं।
दानपात्र से निकली राशि की गिनती बैंक स्टाफ, मंदिर मंडल और सुरक्षा अधिकारियों की देखरेख में पूरी पारदर्शिता के साथ की जाती है। गिनती के लिए काउंटिंग मशीनों का उपयोग किया जाता है। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाती है ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।