स्कूलों का कायाकल्प! 13,000 अतिरिक्त शिक्षकों से सुधरेगी छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (rationalization) की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू कर दी गई है। इस कार्य के लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों में कलेक्टर र एसडीएम की अध्यक्षता में विशेष समितियों का गठन किया है। वही शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है।

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10 जून तक शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। वही स्कूलों का युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया 25 मई तक पूरी होगी, जबकि शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया 10 जून तक पूरी होगी।

स्कूल शिक्षा सचिव ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर युक्तियुक्तकरण कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि स्कूली शिक्षा में संतुलन और गुणवत्ता सुधार के लिए इस कार्य को तेजी से पूरा किया जाए।

स्कूल शिक्षा विभाग का अनुमान है कि युक्तियुक्तकरण के बाद विभाग को करीब 13,000 शिक्षकों की अतिरिक्त उपलब्धता मिल सकती है। वर्तमान में शहरों के स्कूलों में 7300 से अधिक शिक्षक सरप्लस (अतिशेष) हैं। वहीं, प्रदेश में कई छोटे स्कूलों के आपस में मर्ज (विलय) करने से लगभग 6000 शिक्षक और अतिशेष हो जाएंगे।

सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में शिक्षकों की कमी को पूरा करना और शहरी क्षेत्रों में शिक्षक संख्या के असंतुलन को सुधारना है। इससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और छात्रों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

 

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