केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद परिवर्तनों का दौर चल रहा है. रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली सरकार ने अब विधायकों के लिए लोकल एरिया डेवलपमेंट (एलडीए) फंड पर कैंची चला दी है. दिल्ली सरकार ने अब विधायकों की विकास निधि 15 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ कर दिया है. विधायक निधि में कटौती का दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने आधिकारिक ऐलान कर दिया है.
दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने विधायक निधि कम किए जाने से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. शहरी विकास विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक हर विधानसभा क्षेत्र के लिए विधायक निधि को पांच करोड़ रुपये वार्षिक करने का निर्णय 2 मई को हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया था. विभाग की ओर से कहा गया है कि कैबिनेट निर्णय संख्या 3187, दिनांक 2 मई 2025 के अनुपालन के क्रम में विधायकों को क्षेत्र के विकास के लिए पांच करोड़ रुपये वार्षिक फंड दिया जाएगा.
विधायक निधि में कटौती करने का रेखा गुप्ता कैबिनेट का यह फैसला चालू वित्त वर्ष (वित्तीय वर्ष 2025-26) से लागू होगा. शहरी विकास विभाग की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि यह एक अनटाइड फंड है. इस फंड का उपयोग विधायक पूंजीगत प्रकृति के स्वीकृत कार्यों के साथ ही बिना किसी सीमा के संपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव के लिए खर्च किया जा सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी के एक विधायक ने कहा कि विधायक निधि के लिए सरकार ने 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसे 70 विधायकों में बांटा जाना है. प्रत्येक विधायक को पांच करोड़ क्षेत्र के विकास के लिए मिलेंगे. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार के समय वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में विधायकों को एलएडी फंड के तहत चार-चार करोड़ रुपये मिले थे.
वित्तीय वर्ष 2023-24 में एलएडी फंड के तहत दी जाने वाली धनराशि सरकार ने बढ़ाकर सात करोड़ रुपये कर दिया था. 2024-25 में एलएडी फंड 10 करोड़ हुआ और पिछले ही साल दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये वार्षिक करने का ऐलान कर दिया था.