मिडिल क्लास के लिए राहत: सरकार ने दिया भरोसा, इस साल नहीं बढ़ेंगे आलू, प्याज, टमाटर के दाम..

केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास को टैक्स में रियायत देने के बाद एक और गुड न्यूज दी है. केंद्र सरकार ने कहा कि इस साल आलू, प्याज और टमाटर के प्रोडक्शन में काफी इजाफा देखने को मिल सकती है है. इस मतलब है कि देश में इन तीनों के दाम सस्ते रहने के आसार हैं. देश में आने वाले दिनों में महंगाई कम हो सकती है. वास्तव में सब्जियों की कीमत में इजाफे का असर सबसे ज्यादा मिडिल क्लास और गरीबों में देखने को मिलता है. पिछले साल तीनों के महंगा होने के कारण ओवरऑल महंगाई में काफी इजाफा देखने को मिला था. यही कारण रहा कि आरबीआई को पॉलिसी रेट में कटौती को हाई रखने में मजबूर होना पड़ा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर केंद्र सरकार की ओर से आलू, प्याज और टमाटर को लेकर किस तरह के अनुमान पेश किए हैं.

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सरकार ने किस तरह के जारी किए अनुमान

  1. कृषि मंत्रालय ने पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में प्याज उत्पादन जून 2025 को समाप्त चालू फसल वर्ष में 19 प्रतिशत बढ़कर 288.77 लाख टन होने की उम्मीद है. पिछले वर्ष प्याज का उत्पादन 242.67 लाख टन रहा था. फसल वर्ष जुलाई से जून तक चलता है.
  2. मंत्रालय ने फसल वर्ष 2024-25 के लिए बागवानी फसलों का पहला अग्रिम उत्पादन अनुमान जारी करते हुए कहा कि टमाटर का उत्पादन 1.06 प्रतिशत बढ़कर लगभग 215.49 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल लगभग 213.23 लाख टन था.
  3. आलू का उत्पादन 595.72 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पिछले साल के आलू उत्पादन स्तर से 25.19 लाख टन अधिक है. वर्ष 2024-25 में कुल सब्जी उत्पादन पिछले वर्ष के 2,072.08 लाख टन से बढ़कर 2,145.63 लाख टन होने का अनुमान है.
  4. मुख्य रूप से आम, अंगूर और केले के उत्पादन में वृद्धि के कारण वर्ष 2024-25 में फलों का उत्पादन 2.48 लाख टन बढ़कर 1,132.26 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है.
    1. बागवानी फसलों का उत्पादन 179.37 लाख टन अनुमानित है, जो वर्ष 2023-24 में 176.66 लाख टन से अधिक है.
    2. मसालों का उत्पादन 119.96 लाख टन होने का अनुमान है. लहसुन और हल्दी के उत्पादन में वृद्धि की संभावना है.
    3. वर्ष 2024-25 में देश में कुल बागवानी उत्पादन लगभग 36 करोड़ 20.9 लाख टन होने का अनुमान है, जो वर्ष 2023-24 के अंतिम अनुमान से लगभग 73.42 लाख टन (2.07 प्रतिशत) अधिक है.
    4. इस वर्ष सभी बागवानी फसलों की कुल बुवाई रकबा थोड़ा कम होकर 2 करोड़ 88.4 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 2 करोड़ 90.9 लाख हेक्टेयर था.

    दिसंबर में कम हुए दाम

    क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर के महीने में आलू, प्याज, और टमाटर की कीमतों गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार टमाटर की कीमतों में 34 फीसदी गिरावट आई है. वहीं दूसरी ओर आलू की कीमतों में 16 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर प्याज 21 फीसदी तक सस्ता हो चुका है. जानकारों की मानें तो आने वालों में तीनों के दाम में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है. जोकि देश के मीडिल क्लास और गरीबों के लिए काफी अच्छी खबर है.

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