राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि लड़की के इनरवियर उतारना और खुद को नंगा करना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के साथ धारा 511 के तहत ‘बलात्कार करने का प्रयास’ का अपराध नहीं होगा, लेकिन यह धारा 354 के तहत दंडनीय महिला की शील भंग करने के लिए हमला करने का अपराध होगा।
जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि “प्रयास” क्या होता है और बलात्कार करने के प्रयास और अभद्र हमला करने के बीच अंतर क्या है। इसने कहा कि पूर्व के लिए आरोपी को तैयारी के चरण से आगे जाना होगा।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि “प्रयास” के अपराध के लिए 3 चरणों को पूरा करने की आवश्यकता है- सबसे पहले, अपराध करने का इरादा होना चाहिए; दूसरा, उस अपराध को करने की दिशा में कार्य करना; और तीसरा, यह कृत्य अपराध की परिणति के काफी करीब होना चाहिए। दूसरी ओर, न्यायालय ने विस्तार से बताया कि कोई भी कृत्य जो तैयारी के चरण को पार करने वाले ऐसे कृत्य से कम हो, धारा 354 आईपीसी के तहत अभद्र हमला माना जाता है।