रेणुका सिंह और अमर अग्रवाल ने सदन में नहीं पूछा एक भी सवाल, जानिए आपके विधायक विधानसभा में कितने एक्टिव

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नई सरकार बने लगभग एक साल से ज्यादा का समय हो गया है. इस दौरान कई बार विधानसभा का सत्र बुलाया गया. आइये जानने की कोशिश करते हैं कि इस सत्र के बीच में ऐसे कौन-कौन से विधायक हैं, जिन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछे या फिर ऐसे कौन से विधायक है, जिन्होंने सवालों की झड़ी लगा दी. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष की विधायक को क्या स्थिति है.

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सबसे पहले बात करते हैं विधानसभा चुनाव 2023 की. जब यह चुनाव हुए थे तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन इस चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिखाया और 13 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज हुई. दलीय स्थिति की बात की जाए तो वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीट हैं, जिसमें से 54 सीट भाजपा, 35 सीट कांग्रेस और 1 सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पास है. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार को बने लगभग सवा साल का समय बीत चुका है.

 

फरवरी 2024 से मार्च 2025 में विधायकों के सवाल: छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद कई बार विधानसभा सत्र बुलाया गया. फरवरी-मार्च 2024 में विधानसभा सत्र बुलाया गया, इस दौरान कुल 19 बैठकें रखी गई. वहीं जुलाई 2024 में बुलाए गए विधानसभा सत्र के दौरान 5 बैठक हुई. दिसंबर 2024 में चार बैठक और फरवरी- मार्च 2025 के बीच विधानसभा बजट सत्र में कुल 16 बैठकें हुई. इस तरह कुल 44 बैठक लगभग सवा साल में हुई.

विधायकों ने पूछे 6732 सवाल: विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए सवालों की संख्या की बात की जाए तो विधायकों ने 6732 सवाल पूछे. जिसमें कांग्रेस, भाजपा सहित गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायक भी शामिल थे. इसमें वे सवाल भी शामिल है, जो मंत्री और नेता प्रतिपक्ष बनने के पहले विधायकों ने सदन में पूछे थे. हालांकि बाद में विधानसभा में मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के सवाल सूची में शामिल नहीं किए गए हैं.

विधानसभा से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि सवाल पूछने के मामले में कौन सा विधायक सक्रिय रहा और कौन निष्क्रिय रहा. ऐसे भी विधायक है जिन्होंने साल भर सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा जबकि कई ऐसे विधायक भी है जिन्होंने अपनी ही सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी.

सबसे कम सवाल पूछने वाले 12 विधायक: सदन में सवाल नहीं पूछने के मामले में सत्ता पक्ष के विधायक सबसे ज्यादा है. इनमें दो विधायक रेणुका सिंह और अमर अग्रवाल का नाम सबसे ऊपर है. दोनों ही विधायकों ने एक भी सवाल सदन में नहीं पूछा. यानी इनका सवाल पूछने का आंकड़ा 0 है. इसके बाद विक्रम उसेंडी ने 3, भूलन सिंह मराबी ने 4, उद्धेश्वरी पैकरा ने 7, डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने 8, भईया लाल राजवाडे ने 9, विनायक गोयल ने 10, नीलकंठ टेकाम ने 13, प्रेमचंद पटेल ने 14, ईश्वर साहू ने 16 और पुरंदर मिश्रा ने 21 सवाल सदन में पूछे.

सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले 12 विधायक: वहीं विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले विधयकों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल के विधायक शामिल है. इन 12 विधायकों में 7 भाजपा और 5 कांग्रेस के विधायक शामिल है. सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले विधायक भाजपा के धर्मजीत सिंह, धरम लाल कौशिक, अजय चन्द्राकर और भावना बोहरा है. इन चारों विधायकों ने 176 सवाल पूछे हैं. वही कांग्रेस से हर्षिता स्वामी बघेल और भोलाराम साहू ने 176 सवाल पूछे. इसके अलावा भाजपा के पुन्नूलाल मोहले ने 175, कांग्रेस के बालेश्वर साहू ने 175, राजेश मूणत ने 172, कांग्रेस की अंबिका मरकाम ने 172, कांग्रेस के शेषराज हरवंश ने 164 और भाजपा के सुशांत शुक्ला ने 163 सवाल पूछे हैं.

 

इन आंकड़ों के अनुसार विधानसभा में सबसे कम सवाल पूछने वालों की सूची में सारे के सारे विधायक भाजपा के रहे, वहीं दूसरी ओर सबसे ज्यदा सवाल पूछने वालों की सूची में भी सबसे ज्यादा भाजपा के ही विधायक शामिल रहे. यानी भाजपा के विधायकों ने विधानसभा में अपनी ही सरकार पर जोरदार हमला बोला है. ये वे विधायक है जिन्होंने आपनी ही सरकार को घेरने में काई कोर कसर नहीं छोड़ी.

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