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बार-बार चेतावनी… फिर नोएडा में Skytech Matrott प्रोजेक्ट के 27 फ्लैट्स सील, जानिए वजह

नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा के सेक्टर 76 Skytech Matrott हाउसिंग सोसाइटी के 27 फ्लैट्स को सील कर दिया है. ये कार्रवाई बिल्डर की तरफ से 24 करोड़ रुपए के बकाए का भुगतान नहीं करने के बाद की गई है. ये कदम प्राधिकरण की तरफ से जारी किए गए कई नोटिसों और चेतावनियों के बाद लिया गया है.

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अथॉरिटी ने इस बकाए की डिमांड के लिए 27 मई, 8 जुलाई, 24 अगस्त 2024 को आखिरी 3 चेतावनी बिल्डर को भेजी थीं जिसपर बिल्डर ने कोई जवाब नहीं दिया और ना ही बकाया रकम चुकाई. माना जा रहा है कि Skytech पर हुई इस कार्रवाई से बकाया वसूली की रफ्तार तेज होगी और नोएडा में रजिस्ट्री का बरसों से इंतजार कर रहे घर खरीदारों को लीगल पजेशन मिल सकेगा. Skytech प्रोजेक्ट में 716 फ्लैट्स हैं जिनमें से सभी की रजिस्ट्री नहीं हुई है. डेवलपर की तरफ से अथॉरिटी का बकाया ना चुकाए जाने की वजह से इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री अटकी हुई थी.

बायर्स को मालिकाना हक मिलेगा!
बकाया वसूली के लिए इन 27 फ्लैट्स की नीलामी की जाएगी. 2010 में Skytech को आवंटित की गई इस जमीन की लीज़ डीड हुई थी. 14 साल पहले Skytech को ये 20,900 वर्ग मीटर का प्लॉट अथॉरिटी ने आवंटित किया था. इसमें शुरुआती भुगतान के बाद डेवलपर को बाकी रकम किश्तों में चुकानी थी. लेकिन इस रकम का कुछ हिस्सा बकाया रह जाने के बाद अब अथॉरिटी ने फ्लैट्स को सील करके कब्जे में लेने की ये कार्रवाई की है. नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है.

दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए संदेश
ये कदम खासकर उन खरीदारों के लिए राहत की वजह बन सकता है, जो फ्लैट्स के कब्जे का इंतजार कर रहे थे या जिनके पैसे अटक गए थे. नोएडा प्राधिकरण इन फ्लैट्स की नीलामी करके अपनी बकाया रकम की वसूली कर सकता है. फिलहाल स्काईटेक मैट्रोट में एक 1 हजार वर्ग फीट का 2 BHK फ्लैट करीब 1 करोड़ रुपये में मिलता है. ऐसे में बाजार भाव पर नीलामी करके अथॉरिटी को बकाए से ज्यादा रकम वसूल हो सकती है. इस रकम का इस्तेमाल को-डेवलपर की मदद से प्रोजेक्ट को पूरा करने में भी किया जा सकता है जिससे पजेशन का इंतजार करने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी.

फिलहाल अथॉरिटी के इस कदम से साफ संकेत मिलता है कि बिल्डर्स को नियमों का पालन करना पड़ेगा. अगर वो इसमें लापरवाही बरतेंगे तो इस तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा. Skytech पर ये कार्रवाई एक उदाहरण बनकर सामने आई है कि अब बिल्डर्स को नियमों का उल्लंघन करने पर किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. जब तक बिल्डर्स अपने बकाए का भुगतान नहीं करते, तब तक प्राधिकरण ऐसी कार्रवाइयों को जारी रखेगा. ये कदम दूसरे बिल्डर्स के लिए भी एक चेतावनी है कि वो अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते.

पहले भी हुई दूसरे बिल्डर्स पर कार्रवाई!
इसके पहले सितंबर में भी नॉन-कम्प्लायेंस के चलते Skytech प्रोजेक्ट के 5 फ्लैट्स को अथॉरिटी ने सील किया था. डेवलपर ने सरकार की Rehabilitation Policy में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, जिसमें कोविड के जीरो पीरियड के साथ ही डेवलपर्स को कुल बकाए में छूट देते हुए 25% रकम जमा कराने के लिए कहा गया था. बाकी रकम को चुकाने के लिए इस पॉलिसी के तहत करीब 3 साल की मोहलत दी गई थी. इसके पहले अथॉरिटी ने इसी साल ऐसी कार्रवाई करते हुए अंतरिक्ष गोल्फ व्यू प्रोजेक्ट के 26 फ्लैट्स को सील किया था. इसके अलावा ओमैक्स बिल्डहोम के सेक्टर 93B के 9 हजार वर्गमीटर के प्लॉट को 457.8 करोड़ का बकाया ना चुकाए जाने पर सील कर दिया था.

क्या तेज होगी अथॉरिटी की कार्रवाई?
हालांकि ये सवाल अब भी बाकी है कि क्या नोएडा प्राधिकरण और राज्य सरकार दूसरे ऐसे बिल्डर्स के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई करेंगे जिन्होंने मौजूदा प्रोजेक्ट्स में खरीदारों को अटका दिया गया है? अगर ये कदम दूसरे प्रोजेक्ट्स पर भी इसी तरह लागू किया गया तो बिल्डर्स को मजबूर किया जा सकेगा कि वो अपनी प्रोजेक्ट्स को अधूरा छोड़ने की जगह उन्हें पूरा करें, जिससे खरीदारों को समय पर पजेशन मिल सकेगा.

नोएडा प्राधिकरण का ये कदम राज्य सरकार के निर्देशों के मुताबिक है और ये एक मजबूत मिसाल पेश कर रहा है. इससे ना केवल खरीदारों का हित सुरक्षित होगा, बल्कि ये देश भर में रियल एस्टेट सेक्टर में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है. अब यह देखना होगा कि क्या दूसरे राज्यों में भी इस तरह की कार्रवाई की जाएगी जिससे खरीदारों को एक पारदर्शी और जिम्मेदार रियल एस्टेट मार्केट मिल सके.

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