रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर अध्यादेश जारी हो गया है. इसके अनुसार आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत ही रखी गई है. इससे यह ओबीसी वर्ग के लोगों को अधिक से अधिक जनप्रतिनिधित्व भी मिलेगा.हालांकि, जहां एससी-एसटी की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है, वहां ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.
राज्य शासन ने कैबिनेट की बैठक में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए स्थानीय निकायों में आरक्षण के नियमों में बदलाव किया है. इसका अध्यादेश भी जारी कर दिया गया है. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के अनुसार आरक्षण के प्रावधान किए गए हैं.
20 के बाद लग सकती है आचार संहिता
नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव को लेकर 20 दिसंबर के बाद आचार संहिता लगाई जा सकती है. 11 दिसंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होना है. इस बार राज्य सरकार ने तय कर दिया है कि महापौर व अध्यक्ष को सीधे जनता चुनेगी.
निकाय चुनावों को लेकर इन दिनों भाजपा व कांग्रेस दोनों ही बैठकें ले रहे है. वहीं दावेदार प्रत्याशी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात भी करने लगे है और अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे है.
नगरीय निकायों में एक हजार मतदाता के लिए एक मतदान केंद्र
निनगरीय निकाय व पंचायत चुनाव को लेकर राज्य में तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई है. निर्वाचन आयोग भी लगातार अधिकारियों की बैठक ले रहा है. वहीं नगरीय निकाय चुनावों में प्रति एक हजार मतदाता के लिए एक मतदान केंद्र व पंचायत चुनावों में 500 मतदाता के लिए एक मतदान केंद्र बनाया जाए.
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने कहा कि सभी पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में अनिवार्य रूप से जोड़े जाएं. आने वाले दिनों में चुनाव की तैयारियों के संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ आयोग की संयुक्त रूप से बैठक होगी.
उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, मतदाता जागरूकता बढ़ाने और मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के निर्देश दिए.