साइबर ठगों ने साइबर ठगी का एक नया तरीका खोज निकाला है. साइबर ठग अब लोगों को ‘कॉशन मनी’ के नाम पर अपना शिकार बना रहे हैं. हाल ही में ऐसा एक मामला सामने आया है, जिसमें आरोपियों ने 1 करोड़ 60 लाख की ठगी की है. रिटायर्ड इंजीनियर को पहले पार्सल स्कैम में फंसाया गया और फिर कॉशन मनी के नाम पर उनके पैसे दूसरे अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए.
लोगों को ठगने के लिए स्कैमर्स नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा ही एक तरीका पार्सल स्कैम का है. हालांकि, साइबर ठग अपने अपराध के तरीकों में थोड़ा बहुत फेरबदल करते रहते हैं, जिससे लोगों को आसानी से फंसाया जा सके. ऐसा ही एक मामला मंगलुरु से सामने आया है.
मंगलुरु में ठगों ने एक रिटायर्ड इंजीनियर से 1.6 करोड़ रुपये की ठगी की है. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि स्कैमर्स ने पीड़ित से जांच के लिए ‘कॉशन मनी’ के नाम पर ठगी की है. दरअसल, स्कैमर ने खुद को एक इंटरनेशनल कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए रिटायर्ड इंजीनियर को कॉल किया था.
स्कैमर ने पीड़ित को बताया कि उनके नाम पर एक पार्सल मिला है, जिसमें ड्रग्स और कई दस्तावेज मिले हैं. जांच एजेंसियों को इस बारे में जानकारी है. पुलिस ने बताया कि स्कैमर्स ने पीड़ित से कॉशन डिपॉजिट के लिए कहा. कॉशन डिपॉजिट यानी जांच के लिए पैसे जमा करने के लिए कहा था.
ठगों ने कहा कि जांच के बाद उनके पैसे रिटर्न कर दिए जाएंगे. पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने स्कैमर्स के जाल में फंसकर 1.6 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. कथित ट्रांजेक्शन 2 मई से 6 मई के बीच हुए हैं. मामले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित ने अपनी बेटी को इसके बारे में जानकारी दी. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.
पार्सल के नाम पर अब तक कई ठगी के वारदात हो चुके हैं. ज्यादातर मामलों में लोगों को फोन आता है और बताया जाता है कि उनके नाम पर एक इंटरनेशनल पार्सल मिला है. इसमें ड्रग्स और कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिसकी जांच अब सेंट्रल एजेंसियां करेंगी. कई बार आधार कार्ड मिलने की बात भी कहते हैं.
यहां से स्कैमर्स अपने फ्रॉड का तरीका कई बार बदल देते हैं. कुछ लोगों को डिजिटल अरेस्ट किया जाता है और जांच से बचने के लिए उनसे पैसे लिए जाते हैं. वहीं हाल के मामले में जांच के नाम पर कॉशन मनी लिया गया है. इसमें ठगों ने बोला था कि जांच के बाद उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे.