जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई कड़े फैसले लिए थे. इनमें अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी पर रोक लगा दी गई थी. अब जब दोनों देशों के बीच सीजफायर और तनाव कम हो रहा है. तो एक बार फिर बड़ा फैसला लिया गया है. अटारी बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी को दोबारा शुरू किया गया है. हालांकि इसमें पहले और अब के मुकाबले कुछ बदलाव किए गए हैं.
नए बदलाव के तहत अब न ही गेट खुलेगा और न ही दोनों देशों के कमांडर हाथ मिलाएंगे. जानकारी दे दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से यह बॉर्डर बंद कर दी गया था.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इस फैसले के बारे में बताया गया कि अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी देश की सीमा सुरक्षा का प्रतीकात्मक प्रदर्शन है, जिसमें ध्वज उतारने की ड्रिल का विशेष महत्व है. इस पारंपरिक प्रदर्शन को देखने के लिए जनता का स्वाभाविक उत्साह उमड़ता है. यह समारोह देशवासियों में सशस्त्र बलों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना को बढाता है और इससे देश के प्रति गर्व और देश सेवा के लिए नई ऊर्जा का संचार होता है.
रिट्रीट सेरेमनी में हुए कई बदलाव
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पश्चात्, इस ड्रिल में आवश्यक सुरक्षा उपायों के तहत बदलाव किए गए हैं. पूर्व में, सीमा पर स्थित गेट खुलते थे और परेड का स्वरूप जॉइंट ड्रिल का हुआ करता था. अब, परेड के दौरान गेट बंद रहेंगे और ड्रिल की प्रक्रिया में हैंडशेक नहीं होगा. साथ ही, किसी भी अवसर पर मिठाई या उपहारों का आदान प्रदान नहीं होगा.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, इस प्रदर्शन को दर्शकों के लिए स्थगित कर दिया गया था. वर्तमान परिस्थितियों में, सीमा सुरक्षा बल का यह कार्यक्रम पुनः जनता के लिए खोला गया है, ताकि देशभक्ति के इस अनूठे प्रदर्शन के माध्यम से सुरक्षा बलों और जनता के बीच जुड़ाव और मजबूत हो एवं सीमा सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढे.