10-12वीं में 30 हजार से अधिक कॉपियों का रिवैल्यूएशन:50 मार्क्स तक बढ़ गए, माशिमं ने 120 शिक्षकों पर लगाया बैन

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियां को चेक करने वाले 120 शिक्षकों पर कार्रवाई की है। मंडल ने इन शिक्षकों को बोर्ड के किसी भी तरह के काम करने पर 2 से 6 साल तक प्रतिबंधित कर दिया है। इतना ही नहीं इन शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने की सिफारिश भी स्कूल शिक्षा विभाग से की गई है।

मामला ये है इस बार मिले हुए मार्क्स से असंतुष्ट स्टूडेंट्स ने रिवैल्यूएशन कराया था। इसमें स्टूडेंट्स के 20 से लेकर 50 अंक तक बढ़ गए। इस मामले को माशिमं ने गंभीरता से लेते हुए शिक्षकों पर यह कार्रवाई की है।

दरअसल, 10वीं और 12वीं में मिले मार्क्स से कोई भी स्टूडेंट सैटिस्फाइड नहीं हाेता तो वो री-टोटल, रिवैल्यूएशन के साथ ही आंसरशीट की फोटोकॉपी ले सकता है। इस बार भी 30 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने आंसर शीट का रिवैल्यूएशन कराया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कक्षा 10वीं के एक स्टूडेंट ने जब सोशल साइंस की आंसर शीट की दोबारा चेक कराई, तो उसके अंक 50 से ज्यादा बढ़ गए। इस पर माशिमं ने जांजगीर-चांपा के उस शिक्षक पर 6 साल तक बोर्ड से जुड़े किसी भी काम करने पर रोक लगा दी है। साथ ही, शिक्षक की एक साल की वेतन वृद्धि रोकने की सिफारिश की गई है।

रिवैल्यूएशन बाद 41 से 49 तक बढ़े नंबर

इसी तरह 6 और शिक्षकों की चेक की गई आंसर शीट में 41 से 49 नंबर तक बढ़ गए। इन सभी को 5 साल तक बोर्ड के किसी भी काम से दूर रखा जाएगा और एक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी। इन शिक्षकों में संस्कृत के तीन और हिंदी, अंग्रेजी, गणित के एक-एक शिक्षक शामिल हैं।

सबसे ज्यादा गड़बड़ी सोशल साइंस के पेपर में हुई

इतना ही नहीं, 59 अन्य शिक्षकों की जांच की गई आंसर शीट में भी रिवैल्यूएशन के बाद 20 से 40 अंक तक का अंतर आया। इनमें सबसे ज्यादा 16 शिक्षक सामाजिक विज्ञान, 14 हिंदी, 11 संस्कृत, 7-7 अंग्रेजी और विज्ञान और 4 गणित विषय से जुड़े हैं। इन्हें 3 साल के लिए बोर्ड के कार्यों से हटाया गया है और एक वेतन वृद्धि भी रोकी जाएगी।

12वीं के 54 शिक्षकों पर कार्रवाई कक्षा 12वीं की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी 54 शिक्षकों ने लापरवाही बरती। माशिमं ने रिवैल्यूएशन के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश स्कूल शिक्षा विभाग से की है। जानकारी के अनुसार, संस्कृत, राजनीति विज्ञान, लेखाशास्त्र, व्यवसाय अध्ययन और कृषि जैसे विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन में छात्रों के अंक 41 से 49 तक बढ़े हैं।

47 शिक्षक पांच साल तक नहीं कर पाएंगे मंडल के काम

मंडल ने 47 शिक्षकों को 5 साल तक किसी भी प्रकार के पारिश्रमिक कार्य से वंचित रखने और उनकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की सिफारिश की है। वहीं, 47 अन्य शिक्षकों को 3 साल के लिए परीक्षा कार्यों से अलग कर दिया गया है। इनके खिलाफ भी वेतन वृद्धि रोकने का प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग को भेजा गया है।

इन शिक्षकों की ओर से जांची गई मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन होने पर स्टूडेंट्स के प्राप्तांकों में 20 से 40 अंकों की वृद्धि हुई। इन शिक्षकों में हिंदी के 11, अंग्रेजी 5, राजनीति विज्ञान 2, भौतिक 3, रसायन 6, जीव विज्ञान 3, गणित 1, व्यवसाय अध्ययन 5, अर्थशास्त्र 4, कृषि 2, फसल उत्पादन 2 तथा पशुपालन विषय के एक शिक्षक शामिल हैं।

 

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