वडोदरा शहर में OBC सेल के नेता गोपाल चुनारा की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपी जतिन चुनारा और गौतम चुनारा का उनकी मां गोपाल चुनारा के साथ अवैध संबंध होने का संदेह था. इसी शक के चलते दोनों भाइयों ने मिलकर गोपाल चुनारा की हत्या कर दी. फिलहाल दोनों आरोपी रिमांड पर हैं. दोनों को आज रिमांड पूरी होने के बाद दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें, इस मामले में पिछली शिकायत में आरोपियों के नाम और घटना अलग-अलग थी. जिसके बाद पुलिस ने जांच की तो शिकायत की थ्योरी अलग निकली.
वडोदरा शहर भाजपा बख्शी पंच मोर्चा के अध्यक्ष गोपाल चुनारा पर 9 मई को उनके दूर के रिश्तेदारों ने हमला किया था. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गये. इसलिए उन्हें इलाज के लिए सयाजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया और वहां से आगे के इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. जहां इलाज के दौरान 21 मई को उनकी मौत हो गई. इसलिए पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ी और कुछ ही घंटों में दोनों आरोपी चचेरे भाइयों गौतम चुनारा और जतिन चुनारा को गिरफ्तार कर लिया.
कल दोनों आरोपियों को रावपुरा पुलिस ने रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया. रावपुरा पुलिस ने दोनों आरोपियों की 5 दिन की रिमांड मांगी. हालांकि, कोर्ट ने दोनों आरोपियों की 1 दिन की रिमांड मंजूर कर ली. आज दोनों आरोपियों को रिमांड पूरी होने के बाद दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा.
शुरुआत में यह पता चला कि गोपाल चुनारा सयाजी अस्पताल के सामने वडोदरा क्राइम ब्रांच कार्यालय में पंच पर हस्ताक्षर करने के बाद घर जा रहा था, तभी 3 लोग आए. गोपाल ने चुनारा के साथ मारपीट शुरू कर दी और लोहे की रॉड से उसके सिर पर वार कर दिया. आरोपियों ने गोपाल चुनारा से कहा कि तुम बाल विवाह की सूचना पुलिस को दे रहे हो. उस समय गोपाल चुनारा द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत में आरोपियों के नाम भी अलग-अलग थे.
हालांकि, पुलिस जांच में पता चला कि जतिन चुनारा और गौतम चुनारा ने प्लास्टिक पाइप से गोपाल चुनारा पर हमला किया था. जतिन और गौतम को शक था कि गोपाल चुनारा का उनकी मां के साथ अफेयर है. पुलिस ने आरोपी जतिन रमेश चुनारा (उम्र 36) और गौतम रमेश चुनारा (उम्र 33), (दोनों सियारामनगर, सीवेज पंपिंग स्टेशन के पास, घर्रावाड़ी, वडोदरा) को गिरफ्तार किया और दोनों को एक दिन के लिए रिमांड पर लिया.
इस मामले में एसीपी अशोक राठवा ने बताया कि आरोपी जतिन चुनारा और गौतम चुनारा को शक था कि उनकी मां का गोपाल चुनारा के साथ अफेयर है. इसी शक के चलते दोनों भाइयों ने गोपाल चुनारा पर हमला कर दिया और इलाज के दौरान गोपाल चुनारा की मौत हो गई.