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ट्रूडो की पार्टी में बगावत, दो दर्जन सांसदों ने पद छोड़ने की मांग की, इस्तीफे के लिए 28 अक्टूबर की डेडलाइन दी

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. उनकी लिबरल पार्टी के ही करीब दो दर्जन सांसदों ने उन्हें पद छोड़ने और नेतृत्व से पीछे हटने के लिए 28 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है. लेकिन इसी बीच ट्रूडो ने गुरुवार को कहा कि वह अपने लिबरल पार्टी का नेतृत्व अगले चुनाव में भी करेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, उनके इस फैसले को कई सांसदों ने निराशाजनक करार दिया है.

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क्या बोले जस्टिन ट्रूडो

प्रधानमंत्री ट्रूडो ने एक मीडिया बातचीत में कहा कि वह अगले चुनाव के लिए रणनीति पर काम कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अगले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे. जब उनसे सीधे पूछा गया कि क्या वह 28 अक्टूबर के बाद बने रहेंगे, तो ट्रूडो ने कहा हां. दरअसल, ट्रूडो के पार्टी के कई सांसदों ने उन्हें 28 अक्तूबर तक पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है.

सांसदों ने की थी इस्तीफे की मांग

दरअसल, बुधवार को हुई एक बैठक में कुछ लिबरल सांसदों ने ट्रूडो से इस्तीफा देने की मांग की थी. सांसदों का दावा था कि ट्रूडो के चलते उनकी पार्टी को नुकसान हो रहा है. हाल के उपचुनावों में भी उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है.

पत्रकार ने भी साधा था निशाना

हाल ही में एक पत्रकार ने भी ट्रूडो पर निशाना साधते हुए कहा था कि कनाडा के लोग जस्टिन ट्रूडो से थक चुके हैं. भारत और कनाडा में बढ़ते तनाव के बीच कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डम ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधते हुए उनकी विश्वसनीयता और नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया था. बोर्डम ने भारतीय सरकार द्वारा उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने के फैसले को दोनों देशों के बीच गहरे होते मतभेदों का स्पष्ट संकेत बताया था. उन्होंने कहा था, ‘खालिस्तानी तत्व इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं… वे इसे अपनी पूरी जीत मान रहे हैं और भारत पर हमले कर रहे हैं.’

 

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