रीवा: शहर इस समय एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है. सड़कों पर बेखौफ घूम रहे आवारा मवेशी न सिर्फ यातायात में बाधा बन रहे हैं, बल्कि आए दिन हो रही दुर्घटनाओं का भी मुख्य कारण बन रहे हैं. बारिश के दिनों में यह समस्या और भी विकराल रूप ले चुकी है, जिससे आम लोगों की जान पर बन आई है. शहर के मुख्य चौराहों और व्यस्त सड़कों पर झुंड के झुंड मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. ये मवेशी अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जिससे तेज रफ्तार वाहनों को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है.
इन मवेशियों की वजह से कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और कुछ मामलों में तो मौत तक हो चुकी है. यह समस्या सिर्फ रीवा शहर तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका बुरा असर दिख रहा है. कुछ समय पहले रीवा कलेक्टर ने मवेशियों को सड़कों से हटाने के सख्त निर्देश दिए थे. यह स्थिति प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है.
वहीं, दूसरी ओर गौशालाओं की स्थिति भी चिंताजनक है. जिले में लगभग 150 से 200 गौशालाएं हैं, लेकिन इनकी क्षमता सीमित है. गौशालाओं में पहले से ही मवेशियों की संख्या उनकी क्षमता से कहीं ज़्यादा है, जिससे नई गौशालाएं खोलने और मौजूदा गौशालाओं को और बेहतर करने की जरूरत महसूस हो रही है.
प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए कुछ प्रयास कर रहा है, जिसमें गौवंश विहार और लक्ष्मण बाग जैसी बड़ी गौशालाओं का इस्तेमाल और पंचायत स्तर पर अस्थायी बाड़े बनाना शामिल है. लेकिन, यह समस्या तभी पूरी तरह हल हो सकती है, जब नागरिक भी इसमें सहयोग करें. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अपने मवेशियों को सड़कों पर खुला न छोड़ें और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लें. जब तक इस समस्या पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक रीवा की सड़कों पर लोगों का सफर सुरक्षित नहीं हो सकता.