मध्यप्रदेश: रीवा में दो साल के एक बच्चे की नाले में डूबने से हुई मौत के बाद, उसके परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया. यह घटना तब शुरू हुई, जब परिवार की इच्छा के विरुद्ध बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराने का प्रयास किया. गुरुवार को रीवा के विवेकानंद नगर, वार्ड नंबर 25 में दो वर्षीय रुद्रक्ष गुप्ता नामक बच्चा एक नाले में डूब गया. बच्चे का शव अगले दिन, घटना स्थल से लगभग 4 किमी दूर मिला.
परिवार ने बच्चे की मौत को एक प्राकृतिक आपदा माना और वे उसका पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे. बच्चे के दादा, रामरूप गुप्ता ने बताया कि वे केवल बच्चे के शव को उसकी माँ को दिखाना चाहते थे, जो हाल ही में बच्चे को जन्म देने के बाद अस्पताल में भर्ती थी. परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस व प्रशासन ने उन्हें गुमराह किया और उनकी सहमति के बिना शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले गई.
पुलिस ने कहा कि यह मौत एक प्राकृतिक घटना नहीं थी, इसलिए कानूनी रूप से पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य था. पुलिस ने बताया कि यह प्रक्रिया किसी भी तरह के संदेह को दूर करने के लिए आवश्यक थी. उन्होंने यह भी कहा कि शव को खोजने के लिए एक बचाव अभियान चलाया गया था और पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया.
परिवार ने अस्पताल में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, उन पर लापरवाही और झूठ बोलने का आरोप लगाया. परिवार ने यह भी दावा किया कि पुलिस शव को खोजने का श्रेय ले रही थी, जबकि वास्तव में परिवार के सदस्यों ने ही उसे ढूँढा था. अंततः पुलिस ने परिवार को शांत किया और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की.