रीवा: मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे प्रदेश में चलाए जा रहे ‘सेवा पखवाड़ा अभियान’ के तहत रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कड़ा रुख अपनाया है. इसी क्रम में उन्होंने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और संजीवनी क्लीनिक ढेकहा का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया. निरीक्षण के दौरान मिली लापरवाही पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक ANM को निलंबित कर दिया, जबकि मेडिकल ऑफिसर को नोटिस जारी किया गया है.
निरीक्षण के दौरान, कलेक्टर प्रतिभा पाल ने स्वास्थ्य केंद्र के रजिस्टर चेक करने के बजाय सीधे गर्भवती महिलाओं से संवाद किया. उन्होंने लाभार्थियों से उनकी जांच, हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर की स्थिति और उपलब्ध कराई गई दवाइयों के बारे में विस्तार से जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है या नहीं.
कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्र की साफ-सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया और बच्चों के टीकाकरण रिकॉर्ड तथा कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की. इस दौरान, मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रीति वर्मा अपने कार्यस्थल पर अनुपस्थित पाई गईं. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. वहीं, एएनएम अलका शुक्ला को बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
कलेक्टर ने सभी उपस्थित कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी कि वे समय पर अपनी ड्यूटी पर मौजूद रहें और अपने कर्तव्यों का पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करें. उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी दी कि जनसेवा के कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
इसके अलावा, कलेक्टर ने डिजिटल रिकॉर्ड के महत्व पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि सभी पंजीकृत गर्भवती महिलाओं और बच्चों से संबंधित जानकारी को ‘अनमोल पोर्टल’ और ‘यूविन पोर्टल’ पर तुरंत अपलोड किया जाए, ताकि शासन की योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित किया जा सके. कलेक्टर की इस अचानक कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में अब किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.