रीवा: सांप के काटने से नवविवाहिता की मौत, तांत्रिक से ‘जिंदा’ कराने पर अड़ी मां

रीवा: आज के आधुनिक युग में भी अंधविश्वास किस कदर जिंदगियों पर भारी पड़ सकता है, इसका एक दर्दनाक उदाहरण रीवा में देखने को मिला. संजय गांधी अस्पताल में एक नवविवाहिता की सांप के काटने से मौत हो गई, लेकिन उसकी मां की जिद और अंधविश्वास ने अस्पताल में भारी हंगामा खड़ा कर दिया. वह अपनी बेटी के शव का पोस्टमार्टम कराने के बजाय, उसे तांत्रिक के पास ले जाकर जिंदा करने पर अड़ी रही.

ये दिल दहला देने वाली घटना सीधी जिले के मुरताल गांव की है, रोशनी केवट नाम की नवविवाहिता को सुबह 5 बजे सोते समय एक जहरीले सांप ने काट लिया. परिवार के पास उसे तुरंत अस्पताल ले जाने का मौका था, लेकिन पति शुभम केवट उसे सीधे अस्पताल ले जाने के बजाय, झाड़-फूंक और जादू-टोने के लिए कई तांत्रिकों के पास ले गए. जब तक वे रोशनी को संजय गांधी अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद भी, रोशनी की मां ऊषा केवट मानने को तैयार नहीं थी. वह जोर देकर कह रही थी कि सेमर से एक तांत्रिक उसकी बेटी को जिंदा कर देगा. वह इस बात पर अड़ी हुई थी कि अगर 24 घंटे के भीतर उसकी बेटी का शव तांत्रिक के पास पहुंच जाए, तो उसे बचाया जा सकता है. इस जिद के चलते अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. पोस्टमार्टम से इनकार और शव को जबरन ले जाने की कोशिश ने स्थिति को और भी खराब कर दिया.

आखिरकार, पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. घंटों की मशक्कत और समझाने-बुझाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह मां को मनाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के शवगृह में रखवाया. यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के एक बड़े हिस्से में गहरे जड़ जमाए अंधविश्वास की भी कहानी है. आज भी हमारे देश में बहुत से लोग मेडिकल साइंस पर भरोसा करने के बजाय, बेतुके और खतरनाक अंधविश्वासों पर भरोसा करते हैं, जिसकी कीमत उन्हें अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ती है.

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