रीवा: नशीली कफ सिरप के अवैध कारोबार के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) का गुस्सा आज रीवा की सड़कों पर फूट पड़ा. संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने अनूठा प्रदर्शन करते हुए पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता पर सीधे सवाल उठाए. प्रदर्शनकारी अपने साथ बड़ी मात्रा में नशीली कफ सिरप की खाली बोतलें लेकर आए थे. ये बोतलें उन्होंने शहर के अलग-अलग हिस्सों, यहाँ तक कि जिला न्यायालय और कलेक्ट्रेट कार्यालय के पीछे से इकट्ठा की थीं.
यह साफ सबूत था कि शहर में नशे का काला कारोबार खुलेआम चल रहा है, जबकि पुलिस कार्रवाई के सिर्फ दावे करती है. शुरुआत में प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन जल्द ही यह पुलिस प्रशासन के खिलाफ तीखी नारेबाजी में बदल गया. NSUI के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि नशा माफिया को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है और इसी वजह से शहर की गलियों और नालियों में ऐसी खाली बोतलों का ढेर लगा हुआ है. इस स्थिति के लिए उन्होंने सीधे तौर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को जिम्मेदार ठहराया.
जब पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारी और भड़क गए. पुलिस को आखिरकार भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान NSUI के कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि उनकी लड़ाई नशा मुक्त समाज के लिए है, लेकिन पुलिस खुद इस समस्या को बढ़ावा दे रही है. यह प्रदर्शन सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि शहर में फैल रहे नशे के जाल और पुलिस-प्रशासन की कथित लापरवाही का एक कड़वा सच था, जिसे NSUI के कार्यकर्ताओं ने सबके सामने रखा.