Madhya Pradesh: रीवा में प्रदेश सरकार की पारदर्शिता और अवैध खनन रोकने की मंशा पर खनिज विभाग के अधिकारियों के रवैये ने पानी फेर दिया है। माइनिंग माफिया को बढ़ावा देने और नियमों की अनदेखी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खनिज विभाग के अधिकारियों पर आरोप है कि वे अपनी जिम्मेदारियों से दूर, व्यक्तिगत गतिविधियों में व्यस्त हैं.
रीवा संभाग में अवैध खनन लंबे समय से चल रहा है। इसके बावजूद, खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी न केवल निष्क्रिय हैं, बल्कि कई मामलों में माइनिंग माफिया को संरक्षण देने के आरोप भी लगते रहे हैं। कई जगहों पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के नियमों का उल्लंघन हो रहा है.
रीवा संभाग के खनिज अधिकारी संजीव पांडे पिछले लगभग एक दशक से भी ज्यादा समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। सामान्य ट्रांसफर नीति के अनुसार, किसी भी अधिकारी को एक स्थान पर इतने लंबे समय तक पदस्थ नहीं रहना चाहिए। बावजूद इसके, राजनीतिक संरक्षण और ऊंचे संपर्कों के कारण संजीव पांडे अभी तक अपने पद पर जमे हुए हैं.
ड्यूटी के समय सोशल मीडिया पर सक्रियता
संजीव पांडे के खिलाफ यह भी आरोप है कि वे कार्य समय में अपने Instagram अकाउंट पर महिला मित्रों के साथ रील्स बनाते और साझा करते हैं। ड्यूटी के दौरान इस प्रकार की गतिविधियों को लेकर स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। कार्य समय में ऐसे व्यक्तिगत कार्यों को अनुशासनहीनता और कर्तव्य के प्रति लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है.
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता बी.के. माला ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अधिकारियों की इन हरकतों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह प्रशासनिक तंत्र की विफलता को दर्शाता है। उनका कहना है कि यदि उच्च अधिकारी ऐसी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाते, तो इससे न केवल विभाग की छवि खराब होती है, बल्कि शासन की नीतियों पर भी सवाल खड़े होते हैं.
रील्स बनाना व्यक्तिगत अधिकार या कर्तव्य की अनदेखी
रील्स बनाना किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत अधिकार हो सकता है, लेकिन इसका उपयोग कार्य समय में करना, खासकर एक प्रशासनिक पद पर रहते हुए, गलत माना जाता है। यदि अधिकारी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह गतिविधि ड्यूटी के बाद ही हो.
जिम्मेदार अधिकारियों का स्थानांतरण लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाए
रीवा जैसे शहर में प्रशासनिक अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे समाज को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करें। सोशल मीडिया का उपयोग यदि सामाजिक जागरूकता फैलाने और सकारात्मक संदेश देने के लिए किया जाए, तो यह एक बेहतर साधन बन सकता है। परंतु, व्यक्तिगत लोकप्रियता के लिए कार्य समय में ऐसी गतिविधियों में लिप्त रहना न केवल अनुचित है, बल्कि गैरजिम्मेदाराना भी है.
रीवा संभाग में खनिज विभाग की कार्यशैली और अधिकारियों की जिम्मेदारी को लेकर प्रशासन को गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है, सामाजिक जागरूकता और पारदर्शिता के जरिए ही इन समस्याओं का समाधान संभव है.