रीवा: नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से करोड़ों की धोखाधड़ी, कमिश्नर कार्यालय पहुंचा मामला

रीवा: एक चौंकाने वाली धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहाँ एक निजी कंपनी में नौकरी दिलाने के बहाने सैकड़ों बेरोजगार युवाओं से करोड़ों रुपये ठग लिए गए. इस मामले में कलिंगा कंपनी के क्लस्टर हेड विकास मिश्रा और उनके साथियों पर गंभीर आरोप लगे हैं. सिंगरौली जिले के 50 से अधिक पीड़ित अपनी शिकायत लेकर रीवा कमिश्नर कार्यालय पहुंचे हैं. पीड़ितों में से एक, सिंगरौली निवासी मोहम्मद शाहीन, ने बताया कि विकास मिश्रा ने अपने साथी दीपक श्रीवास्तव, प्रवीण कुमार श्रीवास्तव और प्रतीक श्रीवास्तव के साथ मिलकर यह जालसाजी की. अकेले एक युवक से 4.5 लाख रुपये लिए गए, जबकि ठगी की कुल रकम करोड़ों में बताई जा रही है.

पीड़ितों का आरोप है कि विकास मिश्रा ने खुद को कंपनी के एक अन्य उच्च अधिकारी प्रशांत श्रीवास्तव के रूप में पेश किया. उन्होंने नौकरी दिलाने का झांसा देकर पीड़ितों से पैसे वसूले. बाद में जब पीड़ितों को असली प्रशांत श्रीवास्तव से मिलने का मौका मिला, तब उन्हें इस बड़े फर्जीवाड़े का पता चला. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इस धोखाधड़ी की जानकारी सिंगरौली के कलेक्टर को भी दी थी, लेकिन विकास मिश्रा ने कथित तौर पर शिकायत पत्र तक गायब करवा दिया. पीड़ितों ने यह भी बताया कि विकास मिश्रा का एक साथी, आशीष चौबे, दलाली का काम करता है और वह पीड़ितों को मिश्रा से मिलने नहीं देता.

एक अन्य पीड़ित, श्यामराज सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के लड़कों की नौकरी के लिए प्रवीण कुमार श्रीवास्तव को फोन पे और कैश के माध्यम से लगभग 2.90 लाख रुपये दिए थे. उन्हें भी एक फर्जी जीएम से मिलवाया गया था. पीड़ितों ने इस मामले को लेकर मोरवा थाने, एसपी ऑफिस, कलेक्टर ऑफिस, कमिश्नर ऑफिस और आईजी ऑफिस में शिकायतें दर्ज करवाई हैं. मोरवा थाने में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है. फिलहाल पुलिस प्रवीण कुमार श्रीवास्तव और दीपक श्रीवास्तव जैसे आरोपियों की तलाश कर रही है, लेकिन वे अब तक फरार हैं.

पीड़ितों ने कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर अपनी मेहनत की कमाई वापस दिलाने या नौकरी दिलाने की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तो वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे. यह मामला दिखाता है कि कैसे संगठित अपराधी गिरोह बेरोजगारी का फायदा उठाकर लोगों को ठग रहे हैं. इस पर प्रशासन को तत्काल और सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.

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