RG Kar Case: 7 महीने पहले हुआ था लेडी डॉक्टर का मर्डर, अब पीड़ित परिवार को मिला डेथ सर्टिफिकेट

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेड में मेडिकल छात्रा की रेप और हत्या के मामले में माता-पिता ने बार-बार जांच को लेकर असंतोष जताया है. उन्होंने बार-बार दावा किया है कि कई सच्चाइयों को दबा दिया गया है. इतना ही नहीं, उन्हें अपनी बेटी का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए दर-दर भटकना पड़ा. सात महीने की कड़ी मेहनत के बाद अंततः अब मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ.

Advertisement

राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने बुधवार को उनके घर जाकर मृत्यु प्रमाण पत्र सौंपा. पीड़िता के माता-पिता ने दावा किया कि उनके पास काफी समय से दस्तावेज नहीं थे. उन्होंने इस बारे में कई बार शिकायत की थी. अंततः उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ.

मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, “स्वास्थ्य सचिव हमारे घर आए थे. उन्होंने मुझे मेरी बेटी के मृत्यु प्रमाण पत्र की मूल प्रति दी. उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में किसी अन्य प्रति की आवश्यकता होगी तो एमएसवीपी उसे उपलब्ध कराएगा. हमें लिंक प्राप्त हो गया है. यदि आवश्यक हुआ तो हम इसका प्रिंट भी ले सकते हैं.”

डेथ सर्टिफिकेट को लेकर भटकते रहे माता-पिता

पीड़िता के पिता ने बताया कि वह सितम्बर से ही मृत्यु प्रमाण पत्र की तलाश कर रहे थे. उनके शब्दों में, “हम सितंबर से ही प्रयास कर रहे हैं.” मैं 31 जनवरी को लिखा था. उसके बाद, एक बार स्वास्थ्य भवन, एक बार नगर कार्यालय, एक बार आरजी कॉलेज को लिखा. कई बार फरियाद की. अचानक, मैंने स्वास्थ्य सचिव को स्वयं आते देखा.”

पीड़िता के पिता ने यह भी कहा, “एक पिता होने के नाते बेटी का मृत्यु प्रमाण पत्र ढूंढते हुए घूमना कितना कठिन होता है, यह केवल वही व्यक्ति समझ सकता है जो घूमता है.” हमने इसे हासिल कर लिया, सभी का धन्यवाद. हमें अभी तक इस बात का उचित उत्तर नहीं मिला है कि हमें इसे प्राप्त करने में इतना समय क्यों लगा.”

नौ अगस्त को मेडिकल छात्रा की रेप के बाद हुई थी हत्या

स्वास्थ्य सचिव ने पीड़िता के घर से निकलते हुए कहा, “उन्हें उसे मृत्यु प्रमाण पत्र देना था. मैं वह लाया हूं. इसके बाद कोई चर्चा नहीं हुई. बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में अपने भाषण में आरजी कर के मुद्दे का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि आरजी शिकायत दर्ज कराने वाली लड़की को न्याय के कटघरे में लाया जाए.”

9 अगस्त को ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. उस घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने लंबे समय तक भूख हड़ताल और काम बंद रखा था. निचली अदालत ने आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि, पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस घटना में कई अन्य लोग भी शामिल थे. उन्होंने उनकी सजा की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया है.

Advertisements