कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेप-मर्डर का शिकार हुई पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है. उन्होंने पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए भागवत ने कोलकाता से मुलाकात का अनुरोध किया था. इसके बाद आरएसएस चीफ ने कोलकाता के राजरहाट के एक गेस्ट हाउस में उनसे बातचीत की है. पीड़िता के साथ हुई क्रूरता के बारे में सुनकर वो हैरान रह गए.
पीड़िता की मां ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई जारी रखने की अपनी इच्छा के बारे में बताया, तो मोहन भागवत ने उनको समर्थन देने का वादा किया. उन्होंने कहा कि वो इंसाफ की इस लड़ाई में वो पीड़ित पक्ष के साथ है. पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल के अंदर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद भागवत ने कहा था कि अपराध में शामिल सभी लोगों को सख्त से सख्त सजा दिलाना राज्य सरकार का कर्तव्य है.
मृतक महिला की माता-पिता ने पिछले साल अक्टूबर में बंगाल दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की मांग की थी, लेकिन वो उनसे मुलाकात नहीं कर पाए थे. उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा पार्षद सजल घोष से कई बार मुलाकात की थी. इसके बाद अब आरएसएस चीफ से उनकी मुलाकात हुई है. पीड़िता के माता-पिता इस अपराध में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं
बताते चलें कि पीड़िता के माता-पिता ने 9 फरवरी को इंसाफ की मांग को लेकर सड़क पर उतरने जा रहे हैं. इसी दिन पीड़िता का 32वां जन्मदिन है. इस मौके पर उन्होंने लोगों से साथ देने की अपील की है. उनका कहना है कि वे तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता. एक वीडियो में उन्होंने कहा, “पिछले छह महीनों से हम अपनी बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. हम उस दुर्भाग्यपूर्ण बेटी के माता-पिता हैं.”
कोलकाता में मोहन भागवत के दौरे के दौरान प्रदर्शन करते टीएमसी कार्यकर्ता…
उन्होंने कहा था, ”मेरी बेटी के सपने चकनाचूर हो गए. उसने कड़ी मेहनत से जो कुछ भी हासिल किया था, वो सबकुछ बर्बाद हो गया. 9 फरवरी को वो 32 साल की हो जाती. उस दिन हम अपनी बेटी के लिए न्याय में देरी के विरोध में सड़कों पर उतरने वाले हैं.” उन्होंने उन सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने पिछले साल 9 अगस्त को हुई घटना के बाद से उनका समर्थन किया. एक बार फिर इंसाफ की लड़ाई में उन सभी का आह्वान किया है.
इस केस में संजय रॉय को उम्रकैद की सजा मिली है. इस पर माता-पिता ने निराशा जताई थी. उन्होंने कहा था कि वे दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उनका दावा था कि इस जघन्य कांड की जांच आधे-अधूरे मन से की गई है. इस अपराध में शामिल कई दोषियों को बचाया गया है. वे इंसाफ की मांग करते हैं. पीड़िता की मां ने कहा था, “हम स्तब्ध हैं. यह दुर्लभतम से दुर्लभतम केस कैसे नहीं है?”
संजय रॉय के लिए सजा का ऐलान करते वक्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा था कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की श्रेणी में नहीं आता है. फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने कहा था कि वे तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे जब तक कि अन्य सभी दोषियों को सजा नहीं मिल जाती. उन्होंने मुआवजा लेने से भी इनकार कर दिया था. कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया था.