कश्मीर पर फिर बयानबाजी, UN में भारत ने पाकिस्तान को खूब लताड़ा, इस्लामोफोबिया पर भी जताई चिंता

पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आए दिन वो कश्मीर को लेकर उल्टी-सीधी बातें करता रहता है, जिसके बाद भले ही उसे पूरी दुनिया के सामने बेइज्जत होना पड़े. इसके बाद भी वो अपनी हरकतों बाज नहीं आता है और जम्मू – कश्मीर को लेकर बाते करता रहता है. पाक की जम्मू कश्मीर पर टिप्पणी और इस्लामोफोबिया की भारत ने कड़ी निंंदा की है. अमेरिका में भारत के स्थायी प्रतिनिधि,पार्वथानेनी हरीश ने इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए आयोजित बैठक में भारत का बयान देते हुए पाकिस्तान की क्लास लगा दी.

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कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान पर हमला करते हुए पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि जैसा कि उनकी आदत है, पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है. बार-बार संदर्भ देने से न तो उनका दावा माना नहीं जाएगा और न ही सीमा पार आतंकवाद के उनके अभ्यास को उचित ठहराया जा सकेगा.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की कट्टर मानसिकता जगजाहिर है और वास्तविकता फिर भी नहीं बदलेगी. जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और आगे भी बना रहेगा.

पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि जैसा कि हमें याद रखना चाहिए कि इस्लामोफोबिया के खिलाफ लड़ाई अपने सभी रूपों में धार्मिक भेदभाव के खिलाफ व्यापक संघर्ष से मुख्य है, जैसा कि 1981 की घोषणा में सही ढंग से चिंतित किया गया था. आइए हम ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें, जहां हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, गरिमा, सुरक्षा और सम्मान के साथ रह सके. हमें कट्टर मानसिकता और इस्लामोफोबिया के खिलाफ काम करने की जरूरत है.

पाक की मानसिकता जगजाहिर

पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि इस देश की कट्टर मानसिकता जगजाहिर है, साथ ही इसकी कट्टरता का रिकॉर्ड भी जगजाहिर है. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास वास्तविकता को नहीं बदलेंगे कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.

उन्होंने आगे कहा कि हमने हाल ही में पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर हिंसा में चिंताजनक तेजी देखी है. यहा न सिर्फ हमारे लिए चिंंता का विषय है बल्की इस पर सभी को मिलकर काम करना चाहिए. हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कट्टरता को बढ़ावा न दिया जाए.

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