नवीन न्यायालय भवन में चैंबर आवंटन में धांधली,अधिवक्ताओ ने लगाए गंभीर आरोप

रीवा : नवीन न्यायालय भवन, रीवा में अधिवक्ता चैंबरों और हॉल के आवंटन में कथित अनियमितता अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पर प्रक्रिया में अनियमितता, कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन और जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रीवा के आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया गया है.

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अधिवक्ताओं को गुमराह करना:

रीवा अधिवक्ता संघ ने उच्च न्यायालय को 1342 अधिवक्ताओं की सूची भेजकर धोखे में रखा, जबकि वे अब यह आरोप लगा रहे हैं कि उच्च न्यायालय ने सभी पंजीकृत अधिवक्ताओं के लिए पर्याप्त बैठने की व्यवस्था नहीं की है. इस प्रकार, संघ पर अधिवक्ताओं को गुमराह करने का आरोप है.

अवैध शुल्क संग्रह:

नवीन न्यायालय भवन अभी तक जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आधिपत्य में नहीं आया है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा चैंबर और बैठक व्यवस्था के लिए कोई कीमत तय नहीं की गई है, फिर भी जिला अधिवक्ता संघ रीवा अधिवक्ताओं से चैंबर आवंटन के लिए ₹2,50,000/- वसूल रहा है. यह शुल्क संग्रह किस अधिकार और किस पारदर्शी नीति के तहत किया जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं है, विशेषकर जब जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय का कोई अनुमोदन प्राप्त नहीं है.

जिला न्यायाधीश का हस्तक्षेप

अधिवक्ता विजय विक्रम सिंह ने 23 मई, 2025 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रीवा के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर अधिवक्ता संघ द्वारा की जा रही चैंबर आवंटन और बैठक व्यवस्था की अवैध प्रक्रिया तथा गलत तरीके से राशि जमा कराने का विरोध किया था.

इस पर संज्ञान लेते हुए, प्रधान न्यायाधीश महोदय ने 24 मई, 2025 को जिला अधिवक्ता संघ रीवा को पत्र क्रमांक/2662/4-05-01/2014 भेजकर निर्देश दिया कि जब तक चैंबर और सीट आवंटन के संबंध में कोई योजना या नीति कार्यालय से अनुमोदित नहीं हो जाती, तब तक आवंटन की कोई कार्यवाही न की जाए.

 

यह निर्देश इसलिए दिया गया क्योंकि अधिवक्ता संघ द्वारा कोई योजना या नीति प्रस्तुत नहीं की गई थी और माननीय उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है.

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