भोपाल। मध्य प्रदेश में अब तक साढ़े तीन लाख किलोमीटर का सड़क नेटवर्क तैयार हो चुका है। अब एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में रिंग रोड बनाए जाने की तैयारी है। वहीं वर्ष 2047 तक प्रदेश से गुजरे सभी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन किया जाएगा, क्योंकि प्रदेश का रोड नेटवर्क देश की 80 प्रतिशत आबादी को कनेक्ट करता है। यह जानकारी मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक भरत यादव ने सोमवार को दी।ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआइएस) 2025 के पहले दिन सड़क विकास में निवेश, नवाचार और संभावनाएं थीमैटिक सत्र में निवेशकों के साथ के सड़क नेटवर्क और नवाचार पर बात हुई।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सेवानिवृत्त महानिदेशक आइके पांडेय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी एसके सिंह, क्यूब हाईवेज के मुख्य परिचालन अधिकारी राजू, पाथ इंडिया के प्रबंध निदेशक नितिन अग्रवाल, एसबीआइ कैप्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष मुकुल मोदी सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया। प्रबंध संचालक भरत यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश 47 राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा हुआ है।
3.5 लाख किलोमीटर से अधिक सड़क नेटवर्क इसे देश के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों से जोड़ता है। इसके अलावा राज्य में छह वाणिज्यिक हवाई अड्डे, 26 एयर-प्लस और एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो वैश्विक कनेक्टिविटी को और अधिक सशक्त बना रहे हैं।
राज्य सरकार बहु मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रही है, जिससे औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां सुगम हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में रिंग रोड बनाए जाएंगे, वहीं बड़े शहरों में एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण किया जाएगा।