रिसाली नगर निगम ने बिजली खंभों और ट्रांसफार्मरों पर लगाया संपत्ति टैक्स

रिसाली नगर निगम ने अपने क्षेत्र में लगे विद्युत खंभों और ट्रांसफार्मरों पर प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। नगर निगम की हालिया मेयर-इन-काउंसिल (MIC) की बैठक में यह निर्णय पारित किया गया। अब नगर निगम ने इन खंभों और ट्रांसफार्मरों को निगम सीमा की संपत्ति माना है और इसके लिए सीएसईबी से टैक्स की वसूली की जाएगी।

नगर निगम कमिश्नर मोनिका दुबे ने बताया कि यह टैक्स शहर के विकास कार्यों और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने का अतिरिक्त स्रोत बनेगा। अनुमानित राशि सालाना 8 से 10 लाख रुपए होगी। यह राशि नगर निगम की वित्तीय क्षमता बढ़ाने के साथ सड़क, सफाई और रोशनी जैसी सुविधाओं में सुधार के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

नगर निगम ने औपचारिक रूप से सीएसईबी को पत्र भेजकर बिल जारी कर दिया है। इसके अनुसार सीएसईबी को हर साल नियमित रूप से इस टैक्स का भुगतान करना होगा। मोनिका दुबे ने बताया कि नगर निगम के इस कदम से शहर की नागरिक सुविधाओं में सुधार होगा और विकास कार्य सुचारु रूप से संचालित होंगे।

रिसाली नगर निगम का यह फैसला प्रदेश में पहली बार किसी निगम द्वारा लिया गया है। इससे पहले किसी नगर निगम ने ट्रांसफार्मर या विद्युत खंभों पर प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगाया था। नगर निगम का मानना है कि इस टैक्स से शहर की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और आने वाले वर्षों में नगर विकास की दिशा में अहम योगदान मिलेगा।

नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राशि नियमित रूप से वसूली जाएगी और सीएसईबी को इसका पालन करना अनिवार्य होगा। इस फैसले से निगम और सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ेगा और शहर के विकास कार्यों के लिए एक स्थिर वित्तीय आधार तैयार होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि रिसाली नगर निगम का यह कदम अन्य नगर निगमों के लिए भी मार्गदर्शक साबित हो सकता है। यदि यह प्रणाली सफल रहती है, तो भविष्य में प्रदेश के अन्य नगर निगम भी ऐसी पहल कर शहर की आय बढ़ाने और नागरिक सुविधाओं में सुधार लाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

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