बहन को ननिहाल से घर छोड़ने निकले थे दो भाई, रास्ते में आ गई मौत, मासूम बहन ICU में जिंदगी से जंग लड़ रही

सीधी : जिले के ग्राम दुआरी में बुधवार शाम घटित एक दर्दनाक सड़क हादसे ने तीन परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया.यह हादसा उस समय हुआ जब धूपगढ़ गांव निवासी दो सगे भाई — अजीत सिंह (22) और हीरालाल सिंह (24) — अपनी 12 वर्षीय फुफेरी बहन छोटी सिंह को उसके ननिहाल से उसके गांव भरसेड़ी छोड़ने जा रहे थे.लेकिन यह मासूम यात्रा उनकी ज़िंदगी की आखिरी यात्रा बन गई.

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रास्ते में जैसे ही उनकी बाइक ग्राम दुआरी के पास पहुँची, सामने से आ रही एक अन्य बाइक से जोरदार आमने-सामने की भिड़ंत हो गई. टक्कर इतनी भीषण थी कि अन्य बाइक सवार बिजय बहादुर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हीरालाल सिंह ने रीवा ले जाते समय दम तोड़ दिया.व अजीत सिँह की जिला अस्पताल मे मौत हो गई है.दोनों भाइयों की असमय मौत से धूपगढ़ गांव में मातम पसरा है.

 

हादसे में उनके साथ बैठी बहन छोटी सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुई है.उसे तुरंत सीधी जिला अस्पताल लाया गया, जहाँ से हालत बिगड़ने पर ICU में भर्ती किया गया है.डॉक्टरों के मुताबिक उसकी स्थिति अत्यंत नाजुक बनी हुई है और वह जिंदगी से संघर्ष कर रही है.

 

दूसरी बाइक पर सवार डुहकुरिया गांव निवासी नीरज सिंह, ईश्वर सिंह और विजय बहादुर सिंह कुसमी तहसील से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर लौट रहे थे.इसी दौरान ये हादसा हुआ.टक्कर में विजय बहादुर सिंह (27) की मौके पर मौत हो गई, जबकि नीरज और ईश्वर गंभीर रूप से घायल हुए.दोनों का इलाज जारी है, जिसमें ईश्वर सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.

 

हादसे में जान गंवाने वाले:

 

1. अजीत सिंह पिता शिवराम सिंह (22), निवासी धूपगढ़

 

2. हीरालाल सिंह पिता शिवराम सिंह (24), निवासी धूपगढ़

 

3. विजय बहादुर सिंह पिता राम बहादुर सिंह (27), निवासी डुहकुरिया

 

गंभीर रूप से घायल:

 

छोटी सिंह (12 वर्ष), ICU में भर्ती, निवासी भरसेड़ी

 

नीरज सिंह पिता शहदुर सिंह, डुहकुरिया

 

ईश्वर सिंह पिता केमला सिंह, डुहकुरिया (प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी)

 

थाना प्रभारी कप्तान सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा रही है.

 

यह हादसा एक बार फिर क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है, जिसमें तीन जिंदगियाँ बुझ गईं और कई परिवारों की खुशियाँ छिन गईं.

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