रीवा में कुर्की की आड़ में लूट? पुलिस पर जेवरात उठाने का आरोप

रीवा जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 में एक कुर्की कार्रवाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। स्थानीय निवासी और पीड़िता उर्मिला गुप्ता ने सिरमौर के एस.डी.ओ.पी. उमेश प्रजापति और उनके साथ मौजूद पुलिस बल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Advertisement

घटना बीते शनिवार रात की है, जब पुलिस टीम कुर्की के लिए उर्मिला गुप्ता के घर पहुंची। उर्मिला गुप्ता का आरोप है कि पुलिस ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए जरूरत से ज्यादा सामान जब्त किया। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने न केवल कुर्की के आदेश के तहत सामान लिया, बल्कि उनके माता-पिता के शादी के जेवरात और पुश्तैनी कंगन भी उठा लिए।

उर्मिला ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने और उनके पति ने इसका विरोध किया, तो पुलिसकर्मियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और परिवार को जेल भेजने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की और परिवार को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।

बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई अनामिका गुप्ता के कहने पर की गई। अनामिका गुप्ता ने पुलिस से शिकायत की थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। हालांकि, उर्मिला गुप्ता ने दावा किया कि पुलिस ने अनामिका गुप्ता के दबाव में आकर यह कदम उठाया और न्यायालय के आदेश से अधिक सामान जब्त किया।

पीड़ित परिवार की मांग

उर्मिला गुप्ता और उनके परिवार ने इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि पुलिस की इस मनमानी और अभद्रता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने उच्च अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

इस मामले में पुलिस अधिकारियों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन स्थानीय स्तर पर यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

सवालों के घेरे में पुलिस

इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया? क्या यह कार्रवाई न्यायिक आदेश का उल्लंघन है? क्या पीड़ित परिवार को सही मायने में न्याय मिल पाएगा?

Advertisements