सुल्तानपुर जिले में मकान की छत गिरी, सगे भाइयों समेत 3 की मौत, चार की हालत नाजुक

सुल्तानपुर: निर्माणाधीन मकान की छत डालते समय बड़ा हादसा हो गया. छत अचानक भरभरा कर गिर गई. मलबे में 7 मजदूर दब गए. आसपास के लोगों ने चार को बाहर निकाल लिया, लेकिन 3 दबे रहे. पुलिस ने गैस कटर से काटकर तीन शवों को बाहर निकाला। इसमें से दो सगे भाई थे. अयोध्या SDRF की टीम के साथ देर रात वाराणसी की टीम भी मौके पर पहुंची.

जिले के अलावा अमेठी और प्रतापगढ़ से भी फोर्स बुलाई गई. डीएम-एसपी ने अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. घायल मजदूरों में से दो का सीएचसी लंभुआ और दो का राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. घटना लंभुआ कोतवाली अंतर्गत धरियामऊ गांव की है. गांव के राम तीर्थ धुरिया का गांव में मकान बन रहा है. वह मुंबई में रहते हैं. उन्होंने मकान निर्माण का ठेका राम मिलन वर्मा को दे रखा था. सोमवार को उनके मकान में 20×30 एरिया में छत डाली गई. जिसकी जमीन से लगभग 18 फीट की ऊंचाई बताई जा रही है. रात 8 बजे के आसपास जब कार्य पूरा होने के बाद मिक्चर मशीन खोली जा रही थी तभी छत की शटरिंग एकाएक खुल गई. छत भरभरा कर गिर पड़ी. घटना के समय छत पर पांच मजदूर थे.

वहीं मिक्चर मशीन के पास 12 मजदूर खड़े थे. 7 मजदूर छत के मलबे में दब गए।घटना के तुरंत बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना देकर रेस्क्यू शुरू किया. मलबे से सुभाष पुत्र बैताली (36), अफसर अली पुत्र समी उल्ला (40) निवासी सकरा प्रतापगढ़, रवि सरोज पुत्र महेंद्र सरोज (26 वर्ष) को निकालकर सीएचसी लाया गया। यहां से गंभीर हालत में रवि को राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम लंभुआ गामिनी सिंगला, डीएम कुमार हर्ष, एसपी कुंवर अनुपम सिंह, एएसपी अखंड प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे. करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद एक मजदूर अरुण चौहान पुत्र काशी राम (25 वर्ष) निवासी सूर्यभान पट्टी लंभुआ को मलबे से निकाल कर रात 10:45 पर लंभुआ सीएचसी पहुंचाया गया है। इसी दौरान अयोध्या से पहुंची एसडीआरएफ टीम ने रात 12:30 बजे मजदूर आनंद (23) पुत्र गिरिजा शंकर निवासी अर्जुनपुर लंभुआ का शव मलबे से निकाला. कुछ ही समय बाद आनंद के भाई विक्रम (20) का शव भी मलबे से बाहर आया.

स्थानीय लोगों के अनुसार शव घटनास्थल पर मसाले के चलते जम गया था, जिसे गैस कटर से काटने के बाद निकाला जा सका है. एक और शव को निकाला गया, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी. मौके पर मौजूद मजदूर आशीष ने बताया कि 7-8 आदमी दबे थे. पांच आदमी पहले निकाले गए. चार सीएचसी भेजे गए, जिनमें से दो हायर सेंटर भेजे गए, जबकि एक डायरेक्ट मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. वहीं मजदूर अफसर अली ने बताया कि मशीन खोलने जा रहे थे कि अचानक छत बैठ गई. नीचे हमारी टीम के 12 आदमी थे और शटरिंग वाले चार-पांच आदमी थे। पांच लोग तो ऊपर छत पर ही थे.

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