जिले की अमवार कनहर सिंचाई परियोजना एक ऐसा सपना है जो पिछले कई दशकों से अधूरा पड़ा है.इस परियोजना के लिए अरबों रुपये खर्च किए गए, लेकिन आज भी क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है
किसानों की पीड़ा:
कनहर परियोजना के लिए कई गांवों के लोगों को विस्थापित किया गया था.उन्हें मुआवजे के नाम पर कुछ रुपये दिए गए, लेकिन उन्हें नई जमीन और बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाईं.विस्थापित किसानों के पास अब न तो खेती करने के लिए जमीन है और न ही कोई अन्य रोजगार.
परियोजना अधूरी:
परियोजना के तहत बनाए गए बांध तो तैयार हो गया है, लेकिन नहरों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. नतीजतन, बांध में भरा पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा हैकिसानों की हजारों हेक्टेयर जमीन बंजर पड़ी हुई है.
सरकारी लापरवाही:
इस परियोजना में इतनी देरी के लिए सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है.भ्रष्टाचार और योजनाओं में बदलाव के कारण यह परियोजना बार-बार अटकी रही है.
किसानों की मांग:
किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द इस परियोजना को पूरा करे ताकि उन्हें सिंचाई के लिए पानी मिल सके वे चाहते हैं कि उन्हें मुआवजे के रूप में दी गई जमीन पर कब्जा दिया जाए और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं.