तकनीक की दुनिया में जहां सुविधाएं बढ़ी हैं, वहीं साइबर ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ताजा मामला जबलपुर से सामने आया है, जहां एक छात्र ई-वॉलेट से रसीद प्राप्त करने के प्रयास में साइबर अपराधियों के जाल में फंस गया और उसके बैंक खाते से 1 लाख 41 हजार रुपये साफ हो गए।
ढीमरखेड़ा के ग्राम मेर निवासी 40 वर्षीय शैतान सिंह वर्तमान में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के देवेंद्र हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है। उसने कुछ समय पूर्व अपने मोबाइल फोन से एक ई-वॉलेट ऐप के माध्यम से 20 हजार रुपये मूल्य का डिजिटल सोना खरीदा था। लेकिन दुर्भाग्यवश उस निवेश की रसीद कहीं गुम हो गई। रसीद के बिना वह रिफंड या निवेश की पुष्टि नहीं कर पा रहा था।
रसीद दोबारा लेने के लिए उसने गूगल पर संबंधित ई-वॉलेट का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया। जो नंबर उसे मिला वह असली नहीं, बल्कि एक ठग का जाल था। उस नंबर पर कॉल करने के बाद उसे तीन मोबाइल नंबर और दिए गए और बताया गया कि इन्हीं से सहायता मिलेगी। छात्र ने दिए गए नंबरों में से एक पर कॉल किया तो सामने वाले व्यक्ति ने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि वह जैसा बताए, वैसा मोबाइल पर करता जाए। बताया गया कि पूरी प्रक्रिया के बाद उसके ई-वॉलेट में रिफंड की राशि आ जाएगी।
बिना सोचे-समझे छात्र ने उसकी बताई हर प्रक्रिया को फॉलो किया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसे झटका तब लगा जब उसके बैंक खाते से एक लाख 41 हजार रुपये कट गए। इस ठगी के बाद छात्र सीधे सिविल लाइंस थाना पहुंचा और शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामला साइबर अपराध के अंतर्गत पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है।