बिलासपुर में साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड अधिकारी के बैंक खातों को निशाना बनाकर ऑनलाइन 1 लाख 3,662 रुपए निकाल लिए। यह घटना आदिवासी विकास विभाग के रिटायर्ड परियोजना प्रशासक विनोद कुमार केशरवानी के साथ हुई। मोबाइल बंद होने के बावजूद ठगों ने उनके पांच अलग-अलग बैंक खातों से पैसे ट्रांजेक्शन कर लिए।
विनोद केशरवानी के मोबाइल में अचानक गर्मी आने और बैटरी खत्म होने के बाद उन्होंने इसे सर्विस सेंटर दिखाया। मोबाइल की जांच के बाद दूसरी सिम चालू की, लेकिन सिम लॉक हो गया। तीन दिन बाद मोबाइल चालू होने पर बैंक खातों से पैसे कटने का मैसेज आया। जांच में पता चला कि ठगों ने डॉट एपीके के जरिए मोबाइल एक्सेस कर ठगी को अंजाम दिया।
साइबर ठगों ने एसबीआई के सरकंडा ब्रांच खाते से 46,314 रुपए बार-बार निकाल लिए। वहीं, एसबीआई कलेक्ट्रेट ब्रांच खाते से केवल 270 रुपए बचे। यूनियन बैंक के खाते से 27,158 रुपए, एचडीएफसी बैंक से 12,919 रुपए और इंडसइंड बैंक से 17,000 रुपए उड़ा लिए गए। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
साइबर एक्सपर्टों का कहना है कि ठग लगातार नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं। लोगों को बैंक और मोबाइल से जुड़े संदेशों और एप्लीकेशनों को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
यह घटना बिलासपुर में साइबर सुरक्षा की चुनौती को भी उजागर करती है। मोबाइल और बैंकिंग सुरक्षा के प्रति सामान्य लोगों में जागरूकता की कमी का फायदा ठग उठा रहे हैं। बैंक और सरकारी एजेंसियों को भी इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखनी होगी ताकि आम जनता को सुरक्षित रखा जा सके।
पीड़ित विनोद केशरवानी ने बताया कि यह घटना उनके लिए मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान करने वाली रही। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सभी लोगों को अपने खातों और मोबाइल एप्लीकेशनों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।