छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक मेडिकल व्यवसायी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया। साइबर ठगों ने प्रधानमंत्री समृद्धि योजना के नाम पर 50 लाख रुपए का लोन दिलाने का लालच दिया और प्रोसेसिंग के बहाने व्यापारी से 73 लाख रुपए हड़प लिए। मामला सकरी थाना क्षेत्र का है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, बिलासपुर के उसलापुर स्थित नेचर सिटी निवासी राजेश पांडेय (50) मेडिकल व्यवसाय करते हैं। 12 फरवरी को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। खुद को मुंबई की एक निजी फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताने वाले जिग्नेश त्रिवेदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री समृद्धि योजना के तहत 50 लाख रुपए का लोन मिल सकता है और इस पर 30 फीसदी सब्सिडी भी मिलेगी।
व्यापारी को कारोबार बढ़ाने के लिए लोन की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने ठग के बताए अनुसार दस्तावेज व्हाट्सएप के जरिए भेज दिए। इसके बाद आरोपी ने उन्हें 70 लाख रुपए का लोन स्वीकृत होने और सब्सिडी का लालच दिया। लोन प्रोसेसिंग और इंश्योरेंस के नाम पर पहले 19,900 रुपए, फिर 35,700 रुपए मांगे गए। धीरे-धीरे कर विभिन्न बहानों से व्यापारी से करीब 20 अलग-अलग खातों में कुल 73 लाख रुपए जमा करा लिए गए।
जब व्यापारी को लोन नहीं मिला, तो उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे। ठगों ने एकमुश्त राशि लौटाने का झांसा दिया। काफी समय बीत जाने के बाद व्यापारी को धोखाधड़ी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और साइबर सेल की मदद से ठगों के बताए बैंक अकाउंट्स और मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है। आरोपियों की लोकेशन और पहचान का पता लगाने की कोशिश जारी है।
इससे पहले रायपुर में भी एक महिला डिप्टी डायरेक्टर से 90 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई थी। फेसबुक विज्ञापन देखकर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उन्हें भी निवेश पर दोगुना मुनाफा देने का झांसा दिया गया था।
लगातार बढ़ते ऐसे मामलों ने साबित कर दिया है कि साइबर अपराधी अब योजनाओं और निवेश के नाम पर बड़े पैमाने पर लोगों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस लोगों को बार-बार जागरूक कर रही है कि किसी भी कॉल या स्कीम के झांसे में आए बिना पहले उसकी जांच अवश्य करें।