राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने विजयदशमी उत्सव के लिए इस बार एक खास मेहमान को आमंत्रित किया है। अमरावती में होने वाले इस प्रमुख कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की मां कमलताई गवई को आमंत्रित किया गया है। विजयदशमी संघ का वार्षिक और सबसे अहम आयोजन माना जाता है, जिसमें हर साल प्रमुख हस्तियां शामिल होती हैं।
सूत्रों के अनुसार, आरएसएस इस बार अपने शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत भी इसी मंच से कर रहा है। ऐसे में यह आयोजन और भी खास माना जा रहा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और आने वाले वर्षों के लिए संगठन की दिशा और कार्ययोजना पर प्रकाश डालेंगे।
कमलताई गवई का इस कार्यक्रम में आमंत्रित होना प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सीजेआई बीआर गवई देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर हैं और उनकी मां की उपस्थिति को संघ सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ने की पहल के रूप में देख रहा है। अमरावती आरएसएस की गतिविधियों के लिहाज से हमेशा सक्रिय क्षेत्र रहा है, इसलिए यहां का कार्यक्रम और भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, विजयदशमी कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवक शामिल होंगे। इस अवसर पर शस्त्र पूजन और पथ संचलन भी होगा। साथ ही समाज में एकता, संस्कृति और राष्ट्रनिर्माण के संदेश पर जोर दिया जाएगा। संघ हर बार इस कार्यक्रम में किसी खास शख्सियत को आमंत्रित करता है ताकि समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद और जुड़ाव मजबूत हो सके।
कमलताई गवई साधारण जीवनशैली और सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाती हैं। उनका इस कार्यक्रम में शामिल होना न केवल अमरावती के लिए गौरव की बात माना जा रहा है बल्कि संघ के इस प्रयास को भी रेखांकित करता है कि वह व्यापक सामाजिक सहभागिता चाहता है।
इस बीच, राजनीतिक हलकों में भी इस आमंत्रण को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कुछ इसे संघ की सामाजिक छवि को व्यापक बनाने की कोशिश बता रहे हैं तो कुछ इसे प्रतीकात्मक राजनीति मान रहे हैं। हालांकि, संघ का मानना है कि विजयदशमी का मंच समाज के हर वर्ग को जोड़ने और राष्ट्रीय मूल्यों को मजबूत करने का अवसर है।
अमरावती का यह कार्यक्रम इस बार खासा ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि यही से संघ अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत करने जा रहा है।