राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि दोपहर के समय उन्हें घबराहट और परेशानी महसूस हुई, जिसके बाद तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक जांच में उनके ब्लड प्रेशर में वृद्धि देखी गई, लेकिन उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। होसबोले को 24 घंटे के लिए अस्पताल में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है और इस दौरान उनकी पूरी जांच की जाएगी।
हाल ही में जोधपुर में संघ का तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न हुआ था। 5 से 7 सितंबर तक चलने वाली अखिल भारतीय समन्वय बैठक में देश के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले संघ के 32 विविध संगठनों की भागीदारी रही। बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रेस वार्ता आयोजित की गई। संघ के पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने मीडिया से बातचीत में विभिन्न राज्यों की परिस्थितियों पर विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में पंजाब में ड्रग्स और धर्मांतरण के मुद्दों पर चिंता जताई गई। संघ ने कहा कि वह प्रदेश के पिछड़े वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए धर्मांतरण को रोकने का प्रयास कर रहा है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आई बाढ़ पर भी बैठक में गंभीर चिंता व्यक्त की गई। संघ के कार्यकर्ता इन प्रभावित इलाकों में दिन-रात सहायता कार्य कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या को लेकर भी बैठक में चिंता जताई गई। संघ ने जोर दिया कि गैरकानूनी घुसपैठ को रोकने और भारत में बसने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
संघ के सूत्रों के अनुसार, होसबोले की तबीयत में सुधार हो रहा है और उन्हें खतरे से बाहर माना जा रहा है। संघ ने कहा है कि इस समय उनका पूरा ध्यान उनके स्वास्थ्य पर केंद्रित है और 24 घंटे की निगरानी में उनका उपचार किया जा रहा है।
इस घटना ने यह दिखाया कि संगठन के शीर्ष नेतृत्व के स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जाती है और संघ अपनी गतिविधियों और कार्यक्रमों में स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। आगामी दिनों में उनकी जांच पूरी होने के बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।